Shravani Mela 2023: श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है झारखंड का यह शिव मंदिर, लगता है यहां श्रावण मेला

Shravani Mela 2023 मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. राजा पहाड़ी शिव मंदिर परिसर में एक माह तक चलनेवाला श्रावणी मेला दर्शनीय होता है. पहाड़ी के ऊपर मंदिर के निकट प्रसाद की कई स्थायी दुकानें भी है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 4, 2023 11:20 AM

गढ़वा, विनोद ठाकुर : अनुमंडल मुख्यालय स्थित मुख्य पथ से उत्तर दिशा में लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजा पहाड़ी शिव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. प्रत्येक वर्ष सावन महीने में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु सीमावर्ती उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार व झारखंड के विभिन्न भागों से आकर बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते है. श्रद्धालुओ का मानना है कि यहां पूजा अर्चना करने से उनकी मन्नतें पूरी हो जाती हैं. सावन महीने में मंदिर निर्माण समिति भगवान शिव का महारुद्राभिषेक करती है. तब मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. राजा पहाड़ी शिव मंदिर परिसर में एक माह तक चलनेवाला श्रावणी मेला दर्शनीय होता है. पहाड़ी के ऊपर मंदिर के निकट प्रसाद की कई स्थायी दुकानें भी है. इनसे स्थानीय लोगो को रोजगार भी उपलब्ध हुआ है.

मनोरम स्थल है

ऊची पहाड़ी पर स्थित भगवान शिव का मंदिर एक मनोरम स्थल है. चारो तरफ पेड़ पौधों की हरियाली, मंदिर तक जाने के लिए बना पीसीसी पथ व उसके किनारे हरे-भरे पेड़-पौधे श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यहां पहुंचकर लोग शांति महसूस करते हैं. श्रावण महोत्सव को लेकर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है. मंदिर परिसर से लगातार भक्ति गीतों के प्रसारण होने से अनुमंडल मुख्यालय भक्तिमय हो जाता है.

वर्ष 1988 में हुआ था शिलान्यास

वर्ष 1988 से पूर्व राजा पहाड़ी पर एक छोटा सा मंदिर था. वहां भगवान रुद्र की पूजा होती थी. उस समय मंदिर तक जाने का कोई रास्ता नहीं था. 1988 में नगरउंटारी के लोगो ने मंदिर निर्माण के लिए बैठक कर मंदिर निर्माण समिति बनायी. इसी समिति के चिंतन, लगन व परिश्रम का फल है कि राजा पहाड़ी शिव मंदिर वर्तमान स्थिति में खड़ा है. मंदिर निर्माण समिति ने 1988 में वनांचल के जगतगुरु शंकराचार्य द्वारा मंदिर का शिलान्यास कराया था. इसके बाद इसका निर्माण हुआ. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के ठहरने व पेयजल की व्यवस्था है.

Also Read: Sawan 2023: आज से शुरू हो रहा भोले का सबसे प्रिय सावन महीना, 19 साल बाद बन रहा है खास संयोग

Next Article

Exit mobile version