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Shravani Mela 2024 : सावन में कांवरियों से गुलजार है बाबाधाम, डाक बम भी बाबा का कर रहे जलाभिषेक, डाक बम की ये है खासियत

Shravani Mela: बाबा बैद्यनाथ का दर्शन करने दो तरह के श्रद्धालु आते हैं. इनमें डाक बम भी होते हैं. डाक बम की यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है.

By Ashish Srivastav | July 28, 2024 8:14 PM
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Shravani Mela 2024: झारखंड का देवघर जिला सावन के महीने में कांवरियों से गुलजार रहता है. बाबा भोले के भक्त अलग-अलग राज्यों से बाबा बैद्यनाथ का दर्शन करने देवघर आते हैं. इन भक्तों में डाक बम भी होते हैं. इनकी यात्रा कठिन होती है. आइए जानते हैं इसके बारे में

दो प्रकार के होते हैं श्रद्धालु

बाबा बैद्यनाथ का दर्शन करने दो प्रकार के श्रद्धालु देवघर आते हैं. इनमें डाक बम भी होते हैं. इनकी यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है.

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क्या है डाक बम?

डाक बम की यात्रा अन्य श्रद्धालुओं से अलग होती है. ये बिना आराम किए, नंगे पांव, शरीर पर कांवर लिए, दौड़ते हुए बाबा धाम जाकर रुकते हैं. उसके बाद साथ लाए जल से बाबा का जलाभिषेक करते हैं.

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85 किलोमीटर करते हैं पैदल यात्रा

डाक बम की यात्रा करने वाले श्रद्धालु अपने कंधे पर कांवर लेकर लगभग 85 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं. उसके बाद अपने साथ लाया गंगा जल बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करते हैं. बता दें कि, आज के पांच साल पहले सुल्तानगंज से बाबा बैजनाथ तक कावरिया पथ की दूरी 110 किलोमीटर थी. लेकिन अब कावरिया पथ की दूरी कम हो जाने से श्रद्धालुओं को 85 किलोमीट ही चलना होता है.

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24 घंटे का होता है सफर

बाबा भोलेनाथ के ये भक्त यात्रा के दौरान कहीं रुकते नहीं हैं. रुक जाने पर उनकी यात्रा खंडित मानी जाती है. उनका यह सफर 24 घंटों का होता है.

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वस्त्र भी होते हैं अलग

डाक बम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं का वस्त्र अन्य भक्तों के मुकाबले अलग होता है. यह श्रद्धालु गेरुआ की जगह सफेद वस्त्र धारण किए होते हैं..

इन राज्यों में डाक बम के श्रद्धालु हैं अधिक

यूपी के पूर्वांचल, बिहार और झारखंड के राज्यों में डाक बम के श्रद्धालु ज्यादा देखने को मिलते हैं. बाकी अन्य राज्यों से बोल बम के ही श्रद्धालु अधिक देखने को मिलते हैं.

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