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Shravani Mela: 85 हजार श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन किया बाबा बैद्यनाथ का दर्शन, सुबह-शाम हो रही पारंपरिक तरीके से पूजा

Shravani Mela 2020: इस समय सावन महीना चल रहा है. आज सावन मास का दूसरी सोमवारी है. श्रावणी मास में रोजना सुबह शाम बाबा बैद्यनाथ की परंपरागत तरीके से पूजा की जा रही है. अब तक 85 हजार श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन बाबा बैद्यनाथ का दर्शन कर चुके है. द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक कामनालिंग बाबा बैद्यनाथ का दर्शन किसी भी रूप में हो यह एक सुखद आनंद की प्राप्ति देता है.

Shravani Mela 2020: इस समय सावन महीना चल रहा है. आज सावन मास का दूसरी सोमवारी है. श्रावणी मास में रोजना सुबह शाम बाबा बैद्यनाथ की परंपरागत तरीके से पूजा की जा रही है. अब तक 85 हजार श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन बाबा बैद्यनाथ का दर्शन कर चुके है. द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक कामनालिंग बाबा बैद्यनाथ का दर्शन किसी भी रूप में हो यह एक सुखद आनंद की प्राप्ति देता है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए श्रावणी मास में कांवरियों व बाहरी श्रद्धालुओं के प्रवेश के रोक के बाद प्रशासन की ओर से बाबा बैद्यनाथ के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था जारी है.

श्रावणी मेले में बाबानगरी आने वाले कांवरिये बाबा पर जलार्पण के बाद अपने साथ बाबा बैद्यनाथ के शिवलिंग के प्रतिरूप में तस्वीर जरूर ले जाते थे. ताकि, तस्वीर देखकर भी वह तृप्त हो सकें. लेकिन, इस साल बाबानगरी में प्रवेश पर रोक के बाद भक्त बाबा का सुबह शाम ऑनलाइन दर्शन पाकर भी खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं. परंपरा के अनुसार, रोजाना बाबा बैद्यनाथ की प्रात: कालीन पूजा व संध्याकालीन शृंगार पूजा का लाइव टेलीकास्ट कराया जा रहा है. बाबा की प्रात: कालीन पूजा को करीब 85 हजार भक्तों ने ऑनलाइन देखा, इसके अलावा शाम में होने वाली शृंगार पूजा हजारों भक्तों ने बाबा का शृंगार दर्शन किया.

श्रावणी मास के कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि रविवार को सुबह करीब 4:30 बजे बाबा मंदिर का पट खुला. इसके बाद बाबा बैद्यनाथ की षोडशोपचार विधि से पूजा की गयी. सुबह में पट खुलते ही पुजारी विनोद झा व मंदिर दरोगा रमेश कुमार मिश्र बाबा मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किये. परंपरा के अनुसार, बाबा पर शृंगार सामग्री हटायी गयी. गुप्त मंत्रोच्चार के बीच पुजारी विनोद झा ने कांचा जल चढ़ाया. इसके बाद तीर्थ पुरोहितों के लिए पट खोल दिया गया. तीर्थ पुरोहितों द्वारा कांचा जल चढ़ाने के बाद पुजारी विनोद झा ने षोडशोपचार विधि से बाबा की पूजा शुरू की.

इस दौरान बाबा पर फूल माला, विल्वपत्र, दुध, दही, चंदन, मधु, घी, शक्कर, पंचमेवा, पेड़ा, धोती, साड़ी, जनेऊ अर्पित किया. पूजा समाप्त होने के बाद तीर्थ पुरोहितों ने बाबा पर जल व फूल चढ़ाया. सुबह 6:30 बजे मंदिर का पट बंद कर दिया गया. इसके साथ ही मंदिर परिसर में मौजूद पुलिस बल ने मंदिर परिसर को खाली करा दिया. कुछ ही देर में पूरा मंदिर परिसर खाली हो गया.

सुल्तानगंज से पैदल पहुंचे कांवरिया को खिजुरिया गेट में ही कराया गया जलार्पण

श्रावणी मेला पर रोक के बावजूद सुल्तानगंज से कांवरियों जल लेकर पैदल बाबा नगरी की ओर चले आ रहे हैं. रविवार को बिहार के नवादा का एक कांवरिया सुल्तानगंज से पैदल जल लेकर किसी तरह छिपकर झारखंड प्रवेश द्वार दुम्मा में प्रवेश कर गया. दुम्मा गेट प्रवेश करने के बाद आठ किलोमीटर की यात्रा कर कांवरिया जैसे ही भूतबांग्ला स्थित खिजुरिया गेट पहुंचा, तो सुरक्षा व्यवस्था में पेट्रोलिंग कर रहे मजिस्ट्रेट छोटे लाल दास ने उस कांवरिया को देख लिया.

मजिस्ट्रेट ने कांवरिया को रोकते हुए उन्हें बताया कि बाबा बैजनाथ का मंदिर बंद है. किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर पाबंदी है. जिसके बाद वह कांवरिया मान गया और खिजुरिया गेट पर ही बाबा बैजनाथ और बोल बम का जयकारा लगाते हुए जलाभिषेक कर वापस बिहार की ओर पैदल लौट गया. इससे पहले भी कांवरिया पथ में दुम्मा गेट पर कई कांवरिये जलाभिषेक कर लौट चुके हैं.

News posted by : Radheshyam kushwaha

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