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VIDEO: देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में बेलपत्र प्रदर्शनी की है अनोखी कहानी, जानें इतिहास

shravani mela 2023 प्रदर्शनी में त्रिकुट पहाड़ और आस-पास के पहाड़ और दुर्लभ जंगलों से बेलपत्र को तोड़कर पंडा समाज के सदस्य लाते हैं. फिर से चांदी के पात्र में सजाया जाता है. उसकी पूजा की जाती है, फिर उसी बेलपत्र से बाबा का श्रृंगार किया जाता है.

By ArbindKumar Mishra | April 17, 2024 12:21 PM

बैद्यनाथ मंदिर में बेलपत्र प्रदर्शनी की है अनोखी कहानी

देवघर का बाबा बैद्यनाथ मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंग में सबसे महत्यपूर्ण माना जाता है. इसे मनोकामना लिंग माना जाता है. यहां शिवलिंग की स्थापना खुद भगवान विष्णु और अन्य देवताओं ने की थी. लंकापति रावण खुद शिवलिंग को कैलाश पर्वत से देवघर लेकर आये थे. बाबा बैद्यनाथ की कहानी बहुत ही निराली है. श्रावण मास में यहां एक अनोखी परंपरा भी रही है. बाबा के दरबार में हर वर्ष बेलपत्र प्रदर्शनी लगायी जाती है. बताया जाता है, इसकी शुरुआत 1912 में बाबा ब्रह्मचारी ने की थी. तब से यह परंपरा चलती आ रही है. सावन महीने में हर सोमवार को यहां प्रदर्शनी लगायी जाती है. प्रदर्शनी में त्रिकुट पहाड़ और आस-पास के पहाड़ और दुर्लभ जंगलों से बेलपत्र को तोड़कर पंडा समाज के सदस्य लाते हैं. फिर से चांदी के पात्र में सजाया जाता है. उसकी पूजा की जाती है, फिर उसी बेलपत्र से बाबा का श्रृंगार किया जाता है. मंदिर प्रांगण में लगने वाली बेलपत्र प्रदर्शनी को देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालू पहुंचते हैं.

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