Janmashtami 2021 Date: 6 तत्वों का एक साथ हो रहा जुटान, जानें इस बार जन्माष्टमी पर बन रहा अनोखा संयोग
Krishna Janmashtami 2021 Date: इस साल जन्माष्टमी के अवसर पर कई वर्षों के बाद ऐसा संयोग बना है जो बहुत ही दुर्लभ है. श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र एवं वृष राशि में मध्य रात्रि में हुआ था.
Krishna Janmashtami 2021 Date: इस साल जन्माष्टमी के अवसर पर कई वर्षों के बाद ऐसा संयोग बना है जो बहुत ही दुर्लभ है. श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र एवं वृष राशि में मध्य रात्रि में हुआ था. आइये जानते हैं ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी से कि इस बार जन्माष्टमी पर दुर्लभ संयोग में व्रत करने का फल किस प्रकार से प्राप्त होगा…
शास्त्रों में कहा गया है कि जन्माष्टमी के अवसर पर 6 तत्वों का एक साथ मिलना बहुत ही दुर्लभ होता है. ये 6 तत्व हैं भाद्र कृष्ण पक्ष, अर्धरात्रि कालीन अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि में चंद्रमा, इनके साथ सोमवार या बुधवार का होना.
जन्माष्टमी पर बना है यह अनोखा संयोग
जन्माष्टमी इस बार 30 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा. इस बार ऐसा संयोग बना है कि ये सभी तत्व 30 अगस्त को मौजूद रहेंगे. इस दिन सोमवार है, सुबह से अष्टमी तिथि व्याप्त है, रात में 12 बजकर 14 मिनट तक अष्टमी तिथि व्याप्त है, जिससे इसी रात नवमी तिथि भी लग जा रही है. चंद्रमा वृष राशि में मौजूद है. इन सभी संयोगों के साथ रोहिणी नक्षत्र भी 30 अगस्त को मौजूद है. ऐसे में इन संयोगों को लेकर इस बार जन्माष्टमी को बहुत ही उत्तम है.
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जन्माष्टमी पर दुर्लभ संयोग में व्रत का फल
निर्णय सिंधु नामक ग्रंथ के अनुसार ऐस संयोग जब जन्माष्टमी पर लगते हैं तो इस अवसर को हाथ से जाने नहीं देना चाहिए. इस संयोग में जन्माष्टमी व्रत करने से 3 जन्मों के जाने-अनजाने हुए पापों से मनुष्य मुक्त हो जाता है. इस संयोग में जन्माष्टमी व्रत करने से प्रेत योनी में भटक रहे पूर्वजों को भी मनुष्य व्रत के प्रभाव से मुक्त करवा लेता है.
जन्माष्टमी व्रतियों के लिए खास बातें
जो लोग जन्माष्टमी व्रत आरंभ करना चाह रहे हैं उनके लिए इस वर्ष व्रत आरंभ करना बहुत ही उत्तम रहेगा. जो लोग पहले से जन्माष्टमी व्रत कर रहे हैं, उनके लिए इस बार जन्माष्टमी का व्रत अति उत्तम रहेगा. वैष्णव के लिए 31 अगस्त का दिन ही जन्माष्टमी व्रत के लिए उत्तम है.
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Posted by: Radheshyam Kushwaha