West Bengal Political News: पश्चिम बंगाल के उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री व सालबनी के विधायक श्रीकांत महतो ने अपनी ही पार्टी के विधायकों, सांसदों के खिलाफ आग उगलकर मुख्यमंत्री एवं पार्टी सुप्रीमो ममता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उनके द्वारा तृणमूल नेताओं पर की गयी टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही तृणमूल कांग्रेस में हलचल मच गयी है. पार्टी नेतृत्व ने तुरंत संज्ञान लेते हुए विधायक श्रीकांत महतो को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
वायरल वीडियो में एक पेड़ के नीचे बैठे श्रीकांत महतो कुछ लोगों से बोल रहे हैं कि नुसरत जहां, मिमी चक्रवर्ती, जून मालिया, सायोनी घोष, सायंतिका बनर्जी, नेपाल सिंह, संदीप सिंह, उत्तरा सिंह जैसे सांसद, विधायक व नेता लूटकर खा रहे हैं और पार्टी उन्हें ही धरोहर बताती है. ऐसी स्थिति में वह कैसे पार्टी करेंगे. इस बारे में ममता, अभिषेक, सुब्रत बक्शी को जानकारी दी गयी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
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वह कह रहे हैं कि पार्टी खराब लोगों को अच्छा और अच्छे लोगों को खराब कह रही है. यह ठीक नहीं है. खराब को खराब और अच्छे को अच्छा कहना होगा. विधायक का यह वीडियो तृणमूल नेतृत्व के पास भी पहुंचा. इसके तुरंत बाद तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर पश्चिम मेदिनीपुर जिला तृणमूल के को-ऑर्डिनेटर अजित माइती ने श्रीकांत महतो को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यह वीडियो 26 अगस्त का बताया जा रहा है. विधायक श्रीकांत महतो चाकतारणी गांव में अपने मकान के सामने एक पेड़ के नीचे बैठकर पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने ये बाते कहीं, जिसे किसी ने अपने मोबाइल फोन में रिकार्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
बता दें कि श्रीकांत महतो ने जिन तृणमूल नेताओं पर टिप्पणी की है, उसमें जून मालिया मेदिनीपुर की विधायक हैं, मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां रूही सांसद हैं. वहीं, उत्तरा सिंह हाजरा गड़बेता की विधायक हैं. उधर, विरोधी दलों (भाजपा, कांग्रेस और वाममोर्चा) का कहना है कि श्रीकांत महतो ने कुछ भी गलत नहीं कहा. उन्होंने पार्टी के अंदर चल रहे शोषण और चापलूसी के दर्द को बयां किया है.
पश्चिम मेदिनीपुर के तृणमूल को-ऑर्डिनेटर अजित माइती ने बताया कि कारण बताओ नोटिस के जवाब में, महतो ने उस बयान पर खेद व्यक्त किया और कहा कि ऐसा ‘भावनाओं में बहने के चलते हुआ.’ इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी उनके विचारों को स्वीकार नहीं करती. यदि, श्रीकांत को कुछ कहना था, तो उन्हें पार्टी के अनुशासन और मर्यादा का पालन करना चाहिए था. वह पार्टी द्वारा लिये गये किसी भी फैसले के खिलाफ नहीं जा सकते हैं.
इधर, विधायक जून मालिया ने कहा कि उन्हें खुशी है कि पार्टी की अनुशासन समिति ने इस मुद्दे पर तुरंत कदम उठाया और महतो को कारण बताओ नोटिस जारी किया. इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इस मामले पर चुटकी लेते हुए कहा कि महतो ने सच कहा है कि तृणमूल ‘लुटेरों की पार्टी’ है. महतो को यह भी बताना चाहिए कि तृणमूल नेता वास्तव में क्या लूट रहे हैं? उन्हें बंगाल के लोगों को स्पष्टीकरण देना चाहिए.