श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में 26 को होगी, जानें सुनवाई में अब तक क्या-क्या हुआ?
इससे पहले सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 20 अप्रैल को सुनवाई की अगली तारीख तय करते हुए अजय कुमार को इस मामले में एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था. कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को भी उनकी कवायद की वीडियोग्राफी सुनिश्चित करने को कहा था.
Varanasi News: नियमित पूजा करने की अनुमति मांगने वाली याचिका में दोनों पक्षों को सुनने के बाद श्रृंगार गौरी मंदिर की अति संवेदनशील बाहरी दीवार पर स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में अदालत ने बुधवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. फैसला सुनाने के लिए अगली तारीख 26 अप्रैल तय की गई है.
वीडियोग्राफी सुनिश्चित करने को कहा था
इससे पहले सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 20 अप्रैल को सुनवाई की अगली तारीख तय करते हुए अजय कुमार को इस मामले में एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था. कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को भी उनकी कवायद की वीडियोग्राफी सुनिश्चित करने को कहा था. साथ ही, जरूरत पड़ने पर पुलिस की सहायता लेने की बात कही गई है. पुलिस अधिकारियों को भी इस काम में एडवोकेट कमिश्नर की मदद करने को कहा गया था. इस बीच जिला सरकार के वकील ने 18 अप्रैल को अदालत में प्रार्थना की, जिसमें वीडियोग्राफी और मस्जिद परिसर में प्रवेश जैसे मुद्दों की संवेदनशीलता की ओर ध्यान देने की मांग की गई.
Also Read: UP Breaking News Live: मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ पहुंचे वाराणसी, एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत
रकबा स्पष्ट नहीं होने पर सवाल उठाया
यूपी स्टेट की तरफ से डीजीसी सिविल महेंद्र कुमार पांडेय व डीजीसी फौजदारी आलोक चंद्र शुक्ल ने पक्ष रखा. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की तरफ से अधिवक्ता अभय यादव ने कमीशन की कार्यवाही जिस आराजी नंबर 09130 के बाबत कही गई है, उसकी चौहद्दी और रकबा स्पष्ट नहीं होने पर सवाल उठाया. अदालत ने सुनवाई के बाद आदेश के लिए 26 अप्रैल की तिथि नियत कर दी. श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन और ज्ञानवापी स्थित अवशेषों की मरम्मत को लेकर दाखिल वाद में मौके की स्थिति की रिपोर्ट के बाबत अदालत ने वकील कमिश्नर अजय कुमार को नियुक्त किया था, जिस पर मंगलवार को कमीशन की कार्यवाही होनी थी.
Also Read: भारत में अमेरिका की उपराजदूत पैट्रिसिया ए लैसिना ने देखी वाराणसी की गंगा आरती, बोलीं- बरसों से थी ख्वाहिश
परिसर में सिर्फ मुसलमानों के प्रवेश पर आपत्ति
वादी पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी व सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने डीजीसी सिविल के आवेदन को निरस्त करने, मां श्रृंगार गौरी और मंदिर के विग्रह देवताओं का स्थान, तहखाना और बैरिकेडिंग के अंदर मंदिर से संबंधित समस्त साक्ष्य जो वादी गण द्वारा बताया जाए और दिखाया जाए उसकी कमीशन कार्यवाही वीडियोग्राफी व फोटो में प्रतिवादीगण के सहयोग करने और बाधा न उत्पन्न करने का आदेश दिए जाने का अनुरोध किया. साथ ही कमीशन कार्यवाही में राखी सिंह समेत पांच वादी, 15 अधिवक्ता और तीन वीडियोग्राफर के शामिल होने की बात कही गई. आपत्ति में कहा गया कि वकील कमिश्नर या अन्य को बैरिकेडिंग के अंदर कमीशन की कार्यवाही पर रोक लगाने, कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने जैसी बात कहकर न्यायालय व न्याय को भी स्पष्ट न्याय करने से रोकने व असहयोग जैसी धमकी है. रेडजोन में वीडियोग्राफी से सुरक्षा को खतरा और साथ ही ज्ञानवापी परिसर में सिर्फ मुसलमानों और सुरक्षाकर्मियों के प्रवेश पर भी आपत्ति जताई गई.
रिपोर्ट : विपिन सिंह