भ्रष्टाचार के मामले में शुभेन्दु अधिकारी के भाई सौमेंदु को दूसरी बार पूछ-ताछ के लिये बुलाया गया थाने
पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार मामले में लगातार जांच का सिलसिला जारी है.एक बार फिर भ्रष्टाचार मामले में पूछ ताछ के लिये दूसरी बार पुलिस ने शुभेन्दु अधिकारी के भाई सौमेंदु अधिकारी को थाने बुलाया है. इससे पहले शुक्रवार को पुलिस ने उनसे 10 घंटे तक पूछ्ताछ की थी.
पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार मामले में लगातार जांच का सिलसिला जारी है.एक बार फिर भ्रष्टाचार मामले में पूछ ताछ के लिये दूसरी बार पुलिस ने शुभेन्दु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के भाई सौमेंदु अधिकारी को थाने बुलाया है.पुलिस की ओर से समन भेजे जाने के बाद से सौमेंदु अधिकारी थाने में पेश हुए है. तृणमूल सांसद शिशिर अधिकारी के बेटे और राज्य के विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी के भाई सौमेंदु पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है, जब वह नगर पालिका के अध्यक्ष थे. इससे पहले शुक्रवार को पुलिस ने उनसे 10 घंटे तक पूछ्ताछ की थी.
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शुभेन्दु अधिकारी का दावा ममता बनर्जी कर रही है राजनीति
सौमेंदु अधिकारी को थाने बुलाये जाने के बाद राजनीतिक शुरु हो गई है. विपक्ष नेता शुभेन्दु अधिकारी ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Chief Minister Mamata Banerjee) कुछ नहीं कर सकतीं. वह जो कर रही है वह उन्हें ब्याज समेत लौटा दूंगा’. मैं अपने भाई के साथ हुं. हालांकि सौमेंदु खुद राजनीति को इसमें मिलाने से हिचक रहे हैं .उन्होंने कहा कि वह कानून के जरिए जवाब देंगे.सौमेंदु अधिकारी करीब दस साल तक कांथी नगर पालिका के अध्यक्ष रहे है.दिसंबर 2020 में शुभेन्दु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के बाद सौमेंदु अधिकारी को प्रशासक के पद से हटा दिया गया था. वह भी भाजपा में शामिल हो गए थे.उसके बाद सौमेंदु के खिलाफ नगर पालिका के पास श्मशान भूमि पर दुकान बनाने, नगर पालिका के तिहरे, ग्रीन सिटी (स्ट्रीट लाइट) में भ्रष्टाचार की चोरी समेत कई आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था.
सौमेंदु अधिकारी कोर्ट ने प्रदान की थी अंतरिम सुरक्षा
सौमेंदु अधिकारी कई बार कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके है . हालांकि 11 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उन्हें अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी.सौमेंदु अधिकारी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकती है. सौमेंदु को कांथी थाने में कई बार तलब किया गया. उन्होंने फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया . 29 सितंबर को हाईकोर्ट के जस्टिस राजशेखर मंथा बेंच ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की थी. कोर्ट ने कहा था कि सौमेंदु अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है लेकिन उन्हें संबंधित मामले की जांच में सहयोग करना होगा.
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