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बंगाल के श्यामलकांति दास को बाल साहित्य पुरस्कार, हमीरुद्दीन मिद्या व बापी टुडू को सहित्य अकादमी युवा पुरस्कार

साहित्य अकादमी की ओर से वर्ष 2023 के लिए घोषित बाल साहित्य पुरस्कार और साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार में पश्चिम बंगाल के तीन लेखक हैं. एक को बाल साहित्य पुरस्कार मिला है, तो दो ने युवा पुरस्कार जीता है. युवा पुरस्कार पाने वालों में एक बांग्ला भाषा के लेखक हैं, तो दूसरे संताली के. पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

पश्चिम बंगाल के तीन-तीन साहित्यकारों को साहित्य अकादमी के पुरस्कारों के लिए चुना गया है. तीनों रचनाकारों को अलग-अलग श्रेणी में पुरस्कार मिला है. दो रचनाकारों को बांग्ला भाषा में साहित्य लेखन के लिए साहित्य अकादमी ने पुरस्कृत किया है, तो एक को संताली भाषा में रचना करने के लिए पुरस्कार मिला है. साहित्य अकादमी ने बाल साहित्य पुरस्कार के लिए बांग्ला भाषा के लेखक श्यामलकांति दास को चुना है. साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के लिए बंगाल से दो लोग चुने गये हैं. एक को संताली भाषा के लिए, तो दूसरे को बांग्ला भाषा के लिए चुना गया है. बापी टुडू संताली के लेखक हैं और हमीरुद्दीन मिद्या बांग्ला में रचना करते हैं. साहित्य अकादमी ने यह जानकारी दी है.

श्यामलकांति दास को ‘एरोप्लेनेर खाता’ के लिए मिला पुरस्कार

पश्चिम बंगाल के जाने-माने साहित्यकार श्यामलकांति दास के बांग्ला उपन्यास ‘एरोप्लेनेर खाता’ को साहित्य अकादमी ने वर्ष 2023 के बाल साहित्य पुरस्कार के लिए चुना है. श्यामलकांति ने इस उपन्यास की रचना वर्ष 2019 में की थी. बांग्ला भाषा के बाल साहित्य पुरस्कार के लिए ज्यूरी के सामने 11 पुस्तकें थीं. वोटिंग के बाद बहुमत के आधार पर श्यामलकांति दास के उपन्यास को इस पुरस्कार के लिए चुना गया.

बाल साहित्य पुरस्कार की श्रेणी में थीं 11 किताबें

श्यामलकांति दास की ‘एरोप्लेनेर खाता’ समेत जो कुल 11 प्रविष्टियां आयीं थीं, वे सभी वर्ष 2018 से 2020 के बीच लिखीं गयीं थीं. हर तरह की रचना इसमें शामिल थीं. साइंस फिक्शन से लेकर लघु कथाएं, उपन्यास, कविता और आत्मकथा शामिल हैं. प्रविष्टियों में बिमलेंद्र चक्रवर्ती की पुस्तक ‘आमार छबि आमार छारा’ भी थी. बिमलेंद्र की यह पुरस्तक वर्ष 2018 में प्रकाशित हुई थी.

कई पुस्तकों में था कड़ा मुकाबला

इसके अलावा वर्ष 2019 में प्रकाशित तृष्णा बसाक की साइंस फिक्शन बुक ‘आत्मारामेर नोतुन खांचा’, इसी साल छपी दीप मुखोपाध्याय का उपन्यास ‘चट्टीखानी’, वर्ष 2020 में प्रकाशित अनिता अग्निहोत्री की लघु कथाएं ‘छोटोदेर गल्पमेला’, वर्ष 2020 में छपी उल्लास मल्लिक की लघु कथाओं वाली पुस्तक ‘इंदुरकोल ओ अन्यान्यो’ शामिल हैं.

ये लेखक भी थे बाल साहित्य पुरस्कार की होड़ में

वर्ष 2018 में छपी सुकांत गंगोपाध्याय की लघु कथाओं वाली किताब ‘किशोर पंचिस’, वर्ष 2019 में छपा अधीर विश्वास का उपन्यास ‘लास्ट ब्वॉय’, इसी साल छपी पबित्र सरकार की आत्मकथा ‘नाम तार विद्यासागर’, श्यामलकांति दास की वर्ष 2020 में प्रकाशित कविता की पुस्तक ‘रंग पेंसिल आंका’ और वर्ष 2018 में छपी चुमकी चटर्जी की लघु कथाओं की पुस्तक ‘सुंदोर आर भालो’ भी बाल साहित्य पुरस्कार की होड़ में थी.

ज्यूरी में थे तीन सदस्य

बांग्ला भाषा के लिए पुरस्कार चुनने के लिए जो ज्यूरी बनी थी, उसमें तीन सदस्य थे. इनके नाम बलराम बसाक, डॉ पल्लव सेनगुप्ता और हिमाद्रि किशोर दासगुप्ता हैं. इन्हें विजेता चुनने में काफी दिक्कत हुई, क्योंकि सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक थीं. ऐसे में इन्हें वोटिंग कराना पड़ा और अंत में श्यामलकांति दास के उपन्यास को वर्ष 2023 के बाल साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया.

बहुमत के आधार पर हमीरुद्दीन की पुस्तक ‘माठराखा’ का हुआ चयन

बांग्ला भाषा में रचना के लिए साहत्य अकादमी युवा पुरस्कार हमीरुद्दीन मिद्या को मिला है. वर्ष 1997 में जन्मे हमीरुद्दीन मिद्या की पुस्तक ‘माठराखा’ को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. यह लघु कथाओं का संग्रह है. इस श्रेणी में कुल 10 लेखकों की प्रविष्टियां थीं. हमीरुद्दीन मिद्या की पुस्तक को बहुमत के आधार पर युवा पुरस्कार 2023 के लिए चुना गया.

संताली भाषा के लिए बापी टुडू को युवा पुरस्कार

संताली भाषा में साहित्य रचना करने वाले बापी टुडू को उनकी पुस्तक ‘दुसी’ के लिए साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के लिए चुना गया है. बापी का जन्म वर्ष 1998 में हुआ. 25 साल से भी कम उम्र में उन्होंने संताली भाषा में जो रचना की, उसे साहित्यकारों की सराहना तो मिली ही, साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार भी मिल गया. बता दें कि बापी का मुकाबला संताली के 7 अन्य लेखकों से था. लेकिन, बापी की रचना ‘दुसी’ ज्यूरी के सभी सदस्यों को भायी और उन्होंने सर्वसम्मति से ‘दुसी’ को वर्ष 2023 का साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार देने का फैसला किया.

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