सिदो-कान्हू की जयंती पर हेमलाल मूर्मू की झामुमो में घर वापसी, सरकारी नौकरी पर क्या बोले सीएम हेमंत सोरेन?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियोजन नीति पर अपनी बात रखते हुए कहा कि 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति बनायी गयी. ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, लेकिन विपक्ष को हजम नहीं हो रहा था. कोर्ट-कचहरी के बाद 1932 आधारित नियोजन नीति को रद्द कर दिया गया. ऐसा करनेवाले सभी यूपी, बिहार के लोग हैं.
बरहेट (साहेबगंज): अमर वीर शहीद सिदो-कान्हू की जयंती के अवसर पर मंगलवार को भोगनाडीह पहुंचकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें नमन किया. इसके बाद उन्होंने सिदो-कान्हू कृषि एवं वन उत्पाद संघ (सिधकोफेड) का उद्घाटन किया. उन्होंने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पहले चरण में हमलोग सदस्यता अभियान शुरू कर रहे हैं. 10 से 12 मई तक इसका अभियान लैम्पस/पैक्स के माध्यम से चलेगा.
आपके बच्चों को पहले नौकरी देने का हो रहा प्रयास
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियोजन नीति पर अपनी बात रखते हुए कहा कि 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति बनायी गयी. ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, लेकिन विपक्ष को हजम नहीं हो रहा था. कोर्ट-कचहरी के बाद 1932 आधारित नियोजन नीति को रद्द कर दिया गया. ऐसा करनेवाले सभी यूपी, बिहार के लोग हैं. आपके बच्चों को पहले नौकरी मिले, इसके लिए नये तरीके से कानून बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग सिदो-कान्हू जयंती व शहादत दिवस वर्षों से मनाते आ रहे हैं. अब यह कार्यक्रम सरकारी स्तर पर घोषित है.
हेमलाल मुर्मू की हुई घर वापसी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में मंगलवार को वीर शहीद सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह में पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू ने नौ साल बाद दोबारा झामुमो की सदस्यता ग्रहण की. मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत पार्टी का पट्टा व माला पहनाकर किया. हेमलाल के साथ उनके पुत्र विकास मुर्मू, भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व गोड्डा जिलाध्यक्ष प्रेम नंदन मंडल भी पार्टी में शामिल हुए. हेमलाल ने कहा कि उन्हें लगा था कि भाजपा बड़ी और राष्ट्रीय पार्टी है, जिससे हमारे बरहेट का विकास होगा, लेकिन नौ साल रहने के बाद भी हमारे क्षेत्र में राष्ट्रीय पार्टी कुछ नहीं कर पायी. इसीलिए उसे उन्होंने हमेशा के लिए त्याग कर दिया.