भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने शनिवार को यहां महिला एकल सेमीफाइनल में जापान की निचली रैंकिंग पर काबिज साएना कावाकामी पर शानदार जीत दर्ज कर सिंगापुर बैडमिंटन ओपन के फाइनल में प्रवेश किया. दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू ने इस साल सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय और स्विस ओपन में दो सुपर 300 खिताब अपने नाम किये हैं. उन्होंने 32 मिनट तक चले सेमीफाइनल में दुनिया की 38वें नंबर की कावाकामी पर 21-15 21-7 से जीत दर्ज की.
हैदराबाद की 27 साल की सिंधू ने इस साल एशियाई चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीता था. अब वह 2022 सत्र के अपने पहले सुपर 500 खिताब से महज एक जीत दूर हैं. रविवार को होने वाले फाइनल में तीसरी वरीय सिंधू का सामना चीन की वांग झि यि से होगा, जो मौजूदा एशियाई चैंपियनशिप स्वर्ण पदक विजेता हैं और वह उबेर कप टीम का भी हिस्सा थीं. चीन की इस खिलाड़ी ने जापान की अया ओहोरी को 21-14 21-14 से पराजित किया.
Also Read: Singapore Open: पीवी सिंधू सिंगापुर ओपन के सेमीफाइनल में, साइना नेहवाल और एचएस प्रणय का सफर समाप्त
सिंधू ने इस साल ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में अपनी एकमात्र भिड़ंत में दुनिया की 11वें नंबर की खिलाड़ी वांग को हराया था. दो बार की विश्व जूनियर चैंपियन और युवा ओलंपिक की रजत पदक विजेता वांग जून में इंडोनेशिया ओपन सुपर 1000 के फाइनल में भी पहुंची थीं. सिंधू का जापानी खिलाड़ी कावाकामी के खिलाफ मैच से पहले जीत का रिकॉर्ड 2-0 था और दोनों के बीच अंतिम मुकाबला 2018 चाइना ओपन में खेला गया था.
पूर्व विश्व चैंपियन सिंधू दुनिया की 38वें नंबर की खिलाड़ी कावाकामी पर पूरी तरह से शिकंजा कसे हुए थीं. कावाकामी ने इस एकतरफा मुकाबले में कई गलतियां कीं. सिंधू ने शुरू से ही ताकतवर स्मैश लगाने शुरू कर दिये और इस भारतीय ने ब्रेक तक तीन अंक की बढ़त बना ली. 24 साल की जापानी खिलाड़ी ने बराबरी हासिल करने के लिये शटल मुश्किल जगह पर पहुंचाना शुरू किया. मैच तब दिलचस्प हो गया जब दोनों खिलाड़ी हर अंक के लिये मशक्कत कर रही थीं.
Also Read: CWG: लक्ष्य सेन नंबर वन शटलर Viktor Axelsen के साथ दुबई में करेंगे ट्रेनिंग, सिंधू का प्रस्ताव भी मंजूर
सिंधू ने इस दौरान दो वीडियो रैफरल भी जीते जिससे वह 18-14 से आगे थीं. फिर एक ताकतवर स्मैश और कावाकामी की दो सहज गलतियों ने सिंधू को शुरूआती गेम आसानी से जीतने में मदद की. कावाकामी का जूझना दूसरे गेम में भी जारी रहा, वह शटल पर नियंत्रण नहीं कर पा रही थीं और 0-5 से पिछड़ रही थीं. सिंधू ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को रैलियों में उलझाया और संयम के साथ उसे गलतियां करने के लिये इंतजार किया. सिंधू जल्द ही 11-4 के ब्रेक के बाद 17-5 से आगे हो गयीं.
जापानी खिलाड़ी के पास सिंधू के फॉरहैंड का कोई जवाब नहीं था जिससे यह भारतीय खिलाड़ी 19-6 से बढ़त बनाये थी. सिंधू के बेसलाइन के तेज तर्रार स्मैश को प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी इसे नेट पर अड़ाने के बाद शटल बाहर गिरा बैठीं और भारतीय खिलाड़ी ने मुठ्ठियां भींचकर अपनी जीत जाहिर की. दो बार की राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता सिंधू 28 जुलाई से बर्मिंघम में शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगी.