Seeta Navami 2022: वैशाख शुक्ल नवमी तिथि को सीता जी का प्रकाट्य हुआ था, इसलिए इसे जानकी जयंती या सीता नवमी के नाम से जाना जाता है. इस बार आज यानी 10 मई 2022, मंगलवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है.
नवमी तिथि आरंभ: 09 मई , सोमवार सायं 06: 32 मिनट पर
नवमी तिथि समाप्त: 10 मई, मंगलवार सायं 07:24 मिनट पर
उदयातिथि के आधार पर सीता नवमी या जानकी जयंती 10 मई को मनाई जाएगी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सीता नवमी का व्रत रखने से विवाह में आने वाली अड़चने दूर हो जाती हैं. जीवन साथी को लंबी आयु प्राप्त होती हैं. सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलता हैं. इसके साथ ही, इस व्रत को रखने से समस्त तीर्थों के दर्शन करने जितना फल भी प्राप्त होता हैं.
सीता नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान कर लें. इसके बाद साफ कपड़े धारण कर लें. अब पूजा घर या फिर साफ जगह पर एक लकड़ी की चौकी रखकर लाल या फिर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें. इसके बाद इसमें माता सीता-रात की मूर्ति या फिर राम दरबार की तस्वीर विराजित कर दें. इसके बाद पूजन शुरू करें. सबसे पहले लाल या पीले रंग के फूल के माध्यम से जल अर्पित करें. इसके बाद फूल और माला चढ़ाएं. माता सीता को सिंदूर और भगवान राम को चंदन लगा दें. इसके बाद अपने अनुसार भोग लगाकर घी का दीपक और धूप जलाएं. अब मां सीता का स्मरण करते हुए ‘श्री सीतायै नमः:’ और ‘श्री सीता-रामाय नम:’ मंत्र का जाप करें. अंत में विधिवत तरीके से आरती करते हुए भूल-चूक के लिए माफी मांग लें.
कहा जाता है कि सीता नवमी के दिन व्रत रखकर सुहागिनें भगवान राम और सीता माता की विधि-विधान से पूजा करें तो उन्हें मनवांछित वर प्राप्त होता है. कहा जाता है कि व्रत रखने और पूजा करने से घर में सुख-शांति और पति को लंबी आयु प्राप्त होती है. शास्त्र का मत है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से कई तीर्थयात्राओं और दान-पुण्य के बराबर फल मिलता है.