West Bengal: अनुब्रत मंडल के करीबी सिउड़ी थाना के IC मोहम्मद अली को हटाया गया, दो दारोगाओं का भी हुआ तबादला
गौ तस्करी मामले में आरोपी अनुब्रत मंडल के करीबी और बीरभूम जिले के सिउड़ी थाना आईसी मोहम्मद अली को हटा दिया गया है. इससे पहले उन्हें ईडी ने समन भेजा था. इनके साथ-साथ दो और दारोगा का भी तबादला कर दिया गया है.
बीरभूम, मुकेश तिवारी. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के सिउड़ी थाना आईसी मोहम्मद अली को हटा दिया गया है. उन्हें हाल ही में ईडी ने दिल्ली बुलाया था. उन्हें डीईबी भेजा गया. वहीं, दो और इंस्पेक्टरों का भी तबादला कर दिया गया है. सिउड़ी और रामपुरहाट थाना में नए आईसी पश्चिमी मेदिनीपुर से आ रहे हैं.
बीरभूम एसपी ने क्या कहा
बीरभूम जिला पुलिस अधीक्षक भास्कर मुखोपाध्याय ने बताया कि राज्य की ओर से यह तबादला रूटीन के अनुसार किया गया है. विवाद की शुरुआत अनुब्रत मंडल के करीबी सिउड़ी थाने के आईसी मोहम्मद अली को लेकर हुई थी. हालांकि, अली पिछले डेढ़ साल से सिउड़ी थाने में अपनी सेवा दे रहे थे. प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें अपनी संपत्ति का हिसाब मांगने के लिए दिल्ली बुलाया था.
सिउड़ी थाना आईसी रहे मोहम्मद अली पर लग चुके हैं कई आरोप
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बार-बार गौ तस्करी गिरोह में सिउड़ी थाना आईसी के जड़ित होने का आरोप लगाया है. इससे पहले सीबीआई ने मोहम्मद अली से कोयला मामले में कोलकाता में पूछताछ की थी. जिसके बाद सिउड़ी सदर थाना जैसे महत्वपूर्ण थानों में रखते हुए विवाद से बचने के लिए उन्हें सदर प्रवर्तन शाखा में निरीक्षक के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया. यह पद लंबे समय से खाली था.
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रामपुरहाट आईसी को भी रातों रात हटा दिया गया
दूसरी ओर, रामपुरहाट आईसी त्रिदिव प्रमाणिक को भी रातों रात हटा दिया गया और बागतुई घटना के बाद देवाशीष चक्रवर्ती को लाया गया था. एक वर्ष की सेवा के बाद देवाशीष को पश्चिम मेदिनीपुर डीआईबी में स्थानांतरित कर दिया गया. इसी तरह नीलोत्पल मिश्रा को रामपुरहाट के आईसी के तौर पर पश्चिम मेदिनीपुर से लाया गया था. देवाशीष घोष को बर्दवान कोर्ट इंस्पेक्टर के पद से सिउड़ी थाना का आईसी बनाया गया है.
नीलोत्पल और देवाशीष घोष लंबे समय से थे कार्यरत
गौरतलब है कि नीलोत्पल और देवाशीष घोष लंबे समय से जिले के अलग-अलग थानों में कार्यरत थे. पंचायत चुनाव से पहले पुलिस चुनाव को निष्पक्ष कराने के लिए जिले में अनुभव रखने वाले अधिकारी को लाना चाहती है. वहीं, पुलिस अली को हटाकर विवाद खड़ा करने वाले बीजेपी से बचने की कोशिश कर रही है, लेकिन क्या आगामी पंचायत चुनाव के दौरान यह परिवर्तन पुनः होगा कि नहीं यह बड़ा सवाल है.