बीरभूम, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल में विश्व भारती और नोबल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Amartya Sen) के बीच भूमि विवाद को लेकर चली लंबी लड़ाई के बाद सिउड़ी जिला कोर्ट में अमर्त्य सेन को बड़ी जीत मिली है.13 डिसमिल जमीन से जुड़े मामले से विश्व भारती को झटका लगा. बीरभूम जिला अदालत ने विश्व भारती के दावे को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि यह पूरा मामला सुनियोजित था, अमर्त्य सेन को परेशान करने की कोशिश थी. बताया जाता है की भूमि विवाद को लेकर विश्व भारती और अमर्त्य सेन का झगड़ा काफी समय से सुर्खियों में था.
विश्व भारती ने दावा किया कि अमर्त्य सेन ने विश्वविद्यालय के 13 डिसमिल भूमि पर जबरन कब्जा कर लिया है. इस पर राज्य की राजनीति में हलचल मच गयी थी. खुद मुख्यमंत्री अमर्त्य सेन के घर जाकर उनसे बात की. मुख्यमंत्री ने अमर्त्य सेन के साथ देने का वादा किया था . इस बीच विश्व भारती के तात्कालिक कुलपति डॉ विद्युत चक्रवर्ती ने तय समय के अंदर जमीन खाली नहीं करने पर अमर्त्य सेन को बेदखल कर देने का धमकी भी दी था. ऐसा नोटिस अधिकारियों की ओर से दिया गया है.
Also Read: WB : बीरभूम से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद, परित्यक्त मकान से हजारों जिलेटिन स्टिक बरामद
इसके खिलाफ अमर्त्य सेन के वकीलों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया .बुधवार को मामले को लेकर सिउड़ी जिला अदालत में हुई सुनवाई के दिन अदालत ने विश्व भारती के दावों को पूरी तरह से नकार दिया. अमर्त्य सेन यह केस जीत गए. इस दिन नोबेल पुरस्कार विजेता के वकील ने कहा कि अदालत ने विश्व भारती के दावे को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि पूरी घटना सुनियोजित और पक्षपातपूर्ण थी. विश्व भारती क्या कार्रवाई करेगी ? यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. अदालत के इस फैसले के बाद अमर्त्य सेन के चहेतो में खुशी है.
Also Read: पश्चिम बंगाल : बीरभूम में लोकसभा की दो सीटों पर पुनः दखल को लेकर तृणमूल की कोर कमेटी कस रही कमर