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सीवान में यूरिया की किल्लत से बढ़ी किसानों की परेशानी, 500 रुपये प्रतिबोरा खरीदने को मजबूर

प्रभात खबर की पड़ताल में पता चला है कि सरकार ने यूरिया की कीमत 266.50 रुपये प्रतिबोरा निर्धारित किया है. जिसके एवज में किसान 400 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति बोरा यूरिया की खरीद कर रहे हैं. जानकारों की माने तो यह स्थिति विभाग के सांठ गांठ से दुकानदारों द्वारा पैदा किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2022 4:34 AM

सीवान. अब जबकि जिला में 85 फीसदी गेहूं की बावग हो चुकी है और पटवन के बाद किसानों को यूरिया की जरूरत पड़ रही है. ऐसे में यूरिया की किल्लत पैदा हो गयी है. हालात यह है कि किसानों को 400 से 500 रुपये प्रति बोरा की दर से यूरिया की खरीद करनी पड़ रही है. यह स्थिति तब है जब विभाग का दावा है कि अब तक 11 हजार 500 एमटी यूरिया जिले को प्राप्त हो चुकी है, जिसमें से 6050 एमटी यूरिया किसानों के बीच बिक भी चुका है. रबी सीजन में 30 हजार एमटी यूरिया की जरूरत पड़ती है. इधर यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी को इस बात से भी समझा जा सकता है कि सारण कमिश्नरी के संयुक्त कृषि निदेशि ने सभी जिला कृषि पदाधिकारी को वाट्सएप पर मैसेज दिया है कि ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है कि किसान उंची दर पर यूरिया की खरीद कर रहे है. इसके लिए उन्होंने व्यापक स्तर पर जांच अभियान भी चलाने की बात कही है.

266.50 रुपये निर्धारित है कीमत

प्रभात खबर की पड़ताल में पता चला है कि सरकार ने यूरिया की कीमत 266.50 रुपये प्रतिबोरा निर्धारित किया है. जिसके एवज में किसान 400 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति बोरा यूरिया की खरीद कर रहे हैं. जानकारों की माने तो यह स्थिति विभाग के सांठ गांठ से दुकानदारों द्वारा पैदा किया जा रहा है. विभाग से जब इसकी शिकायत की जाती है तो वहीं पुराना घीसा पिटा जवाब विभाग के अधिकारी देते है कि कोई किसान यदि शिकायत करता है तो उस दुकानदार के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा. अब पश्न उठता है कि जब मिलीभगत से ही दुकानदारों द्वारा कृत्रित किल्लत पैदा की जा रही तो किसानों का शोषण कैसे नहीं होगा. जीरादेई के किसान केदान नाथ बताते हैं कि किसानों को दुकानदारों द्वारा यह समझाया जाता है कि अभी यूरिया की बहुत कमी है, कब मिलेगा पता नहीं है. आप पटवन कर लिए है तो कही से कुछ उंचे दाम पर ही यूरिया की खरीद कर जल्द ही खेत में छिट दीजिए, नहीं तो बाद में खेत में सेट नहीं करेगा. फिर क्या किसान अपनी फसल बचाने के लिए औने पौने दामों पर यूरिया की खरीद कर बैठता है.

नैनो यूरिया पर विभाग दे रहा जोर

इधर विभाग नैनो यूरिया पर जोर दे रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल ने बताया कि अभी जिला में 20 हजार बोतल यूरिया का स्टॉक है. जो 20 हजार एकड़ के लिए पर्याप्त है. अर्थात एक आधा लीटर की नैनो यूरिया 27 कट्ठा के लिए पर्याप्त है. इसको 120 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रेयर से छिड़काव करना होता है. उन्होंने किसानों से अपील किया कि वे दानेदार यूरिया की जगह नैनो यूरिया का उपयोग गेंहू के लिए करें जो श्रेयस्कर होगा. और इससे किल्लत भी दूर होगी.

पांच दिसंबर तक यूरिया की उपलब्धता

विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच दिसंबर तक जिला में यूरिया की उपलब्धता 3650 एमटी की थी. जबकि डीएपी 1348.47 एमटी, एनपीके 1361.60 एमटी, एमओपी 99.50 एमटी, एसएसपी 659.90 एमटी उपलब्ध था.

3000 एमटी का आने वाला है रेक

कृषि समन्वयक राममनोहर ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर जिला को 3000 एमटी यूरिया की खेप आने वाली है. अब देखने वाली बात यह है कि क्या कृषि विभाग यूरिया की किल्लत को दूर कर पाता है या नहीं.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

सीवान के जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल ने कहा कि जिला में यूरिया का भंडारण पर्याप्त मात्रा में है. किसानों को बहकावे में आने की जरूरत नहीं है. यदि कोई दुकानदार निर्धारित दर 266.50 रुपये से अधिक दर पर प्रतिबोरा यूरिया की बिक्री करता है तो उसकी शिकायत विभाग से करें, निश्चित ही दुकानदार के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. अब किसानों को दानेदान यूरिया की जगह नैनो यूरिया का उपयोग करना चाहिए, यह शुद्ध यूरिया है.

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