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बंगाल के छह जिलों में चक्रवात ‘अम्फान’ ने मचायी भारी तबाही, ममता ने मांगी केंद्र से मदद

Cyclone Amphan destruction in West bengal: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना south (24 pargana) जिले से लेकर पूर्व मेदिनीपुर के बीच पड़ने वाले हावड़ा, (Hawrah) हुगली, (Hoogly) कोलकाता और उत्तर 24 परगना जिले में चक्रवात 'अम्फान' (Cyclone Amphan )ने भारी तबाही मचायी है. बुधवार 2:30 बजे यह चक्रवात दीघा के समुद्र तट से टकराया था. उसके बाद कम से कम 165 किलोमीटर और अधिकतम 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तटीय क्षेत्रों में तूफान ने तांडव मचाना शुरू किया था. दीघा के बाद दक्षिण 24 परगना, उसके बाद उत्तर 24 परगना फिर कोलकाता, हावड़ा और हुगली में रात 11:30 बजे तक तांडव मचाता रहा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2020 12:53 PM
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले से लेकर पूर्व मेदिनीपुर के बीच पड़ने वाले हावड़ा, हुगली, कोलकाता और उत्तर 24 परगना जिले में चक्रवात अम्फान ने भारी तबाही मचायी है. बुधवार 2:30 बजे यह चक्रवात दीघा के समुद्र तट से टकराया था. उसके बाद कम से कम 165 किलोमीटर और अधिकतम 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तटीय क्षेत्रों में तूफान ने तांडव मचाना शुरू किया था. दीघा के बाद दक्षिण 24 परगना, उसके बाद उत्तर 24 परगना फिर कोलकाता, हावड़ा और हुगली में रात 11:30 बजे तक तांडव मचाता रहा. बुधवार सुबह मौसम विभाग के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक गणेश कुमार दास ने बताया कि रात 11:30 बजे तूफान कमजोर पड़ा और धीरे-धीरे बांग्लादेश की ओर बढ़ गया है. इधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया है कि सबसे अधिक प्रभाव उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले पर पड़ा है. उन्होंने कहा कि इन दोनों जिलों में पूरी तरह से सर्वनाश हो गया है. लाखों मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. 12 लोगों के मारे जाने की सूचना उन्हें मिली है. यह संख्या और अधिक बढ़ सकती हैं. पढ़ें अजय कुमार की रिपोर्ट

300 साल पहले आया था ऐसा चक्रवात

मुख्यमंत्री ने बताया कि 1737 में इस तरह का भयंकर तूफान बंगाल में आया था.तब बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी. इस बार राज्य प्रशासन सतर्क था और समुद्र तटीय क्षेत्रों से पांच लाख लोगों को चक्रवात के आने से पहले ही सुरक्षित ठिकानों पर ले जाया गया था और शिविर लगाये गये थे. इस वजह से मौत थोड़ी कम हुई है, लेकिन लाखों की संख्या में मकान, फसलें और पेड़ पौधों की भारी क्षति हुई है. उन्होंने बताया कि नदियों के बांध टूट गये हैं और उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना पूरी तरह से जलमग्न है. ये दोनों जिले राज्य के बाकी हिस्से से कट गये हैं खास बात यह है कि जब चक्रवात की शुरुआत बंगाल में हुई तब से लेकर देर रात तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य सचिवालय में बनाए गए कंट्रोल रूम में ही बैठी रहीं और पूरी परिस्थिति पर नजर रखी है. देर रात जब वह मीडिया से मुखातिब हुई तब उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में मदद मांगी.

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सोनिया गांधी ने किया फोन

खबर है कि देर रात कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ममता से फोन पर बात की थी. सीएम ने उनसे भी मदद की गुहार लगायी है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने रामकृष्ण मिशन समेत अन्य सामाजिक संस्थाओं से भी आगे आकर ऐसे मुश्किल समय में मदद की गुहार लगायी है. आज राज्य सचिवालय में आपदा प्रबंधन तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी बैठक कर नुकसान का आकलन करेंगे. राज्य आपदा प्रबंधन सूत्रों ने बताया कि कोलकाता में कम से कम 3 लोगों की मौत हुई है. आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने एनडीआरएफ की 19 टीम के साथ मिलकर राहत और बचाव शुरू कर दिया है. आर्मी एयरफोर्स नेवी बीएसएफ कोस्ट गार्ड ने भी लोगों की मदद के लिए सामान पहुंचाना शुरू किया है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि अभी जो लोग राहत शिविरों में रखे गये हैं, उन्हें घर नहीं भेजा जायेगा. उनके रहने खाने की व्यवस्था सरकार करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से आर्थिक हालात पहले से ही बिगड़े हैं, अब तूफान ने और परेशानी में डाला है.

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