रांची: राज्य के औद्योगिक और पर्यटन क्षेत्रों के विकास को लक्ष्य बना कर कॉरिडोर बनाने की योजना तैयार की गयी है. जानकारी हो कि झारखंड में पथ निर्माण विभाग फोरलेन वाले छह रोड कॉरिडोर बनायेगा. बता दें कि सभी कॉरिडोर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हाइवे होंगे. साथ ही इन कॉरिडोर के बनने से राज्य के अंदर यात्रा करनेवालों को कम समय और कम दूरी तय करनी पड़ेगी, जिससे लोगों को बहुत ही सहूलियत होने की संभावना है. मिली जानकारी के अनुसार 393 किमी का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर, 121 किमी का इस्टर्न कॉरिडोर, 275 किमी का नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर, 140 किमी का सेंट्रल कॉरिडोर, 270 किमी का टूरिस्ट कॉरिडोर और 170 किमी का होली टूरिस्ट कॉरिडोर शामिल है.
मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि अब इसका डीपीआर तैयार कराया जायेगा, जिसके लिए पथ निर्माण विभाग ने अनुभवी और तकनीकी रूप से दक्ष कंसल्टेंट को आमंत्रित किया है. साथ ही कहा जा रहा है इसके लिए भी टेंडर जारी किया गया है. इन कंसल्टेंट को फिजिबिलिटी स्टडी और डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी दी जायेगी. बता दें कि डीपीआर बनाने के लिए 90 दिनों की अवधि तय की गयी है. डीपीआर बनने के बाद योजनाओं की स्वीकृति करा कर निर्माण की दिशा में कार्रवाई प्रारंभ की जायेगी.
बता दें कि कुल छह कॉरिडोर का निर्माण किया जाना तय हुआ है. जो कि अलग अलग रूटों पर लोगों को सुविधा उपलब्ध कराएगी.
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इस्ट-वेस्ट कॉरिडोर : 393 किलोमीटर मुड़ीसेमर से चतरा-बरही-बेंगाबादमधुपुर-सारठ-पालाजोरी होते हुए दुमका तक.
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इस्टर्न कॉरिडोर : 121 किलोमीटर साहिबगंज से जामताड़ा-निरसा- सिंदरी-चंदनक्यारी होते हुए चांडिल तक.
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नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर : 275 किलोमीटर झुमरीतिलैया से एनएच-2 पर (अंतकीडीह)-विष्णुगढ़-पेटरवारकसमार-बरलंगा- सिल्ली-रड़गांवसरायकेला-चाईबासा-जैतगढ़ होते हुए ओड़िशा की सीमा तक.
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सेंट्रल कॉरिडोर : 140 किलोमीटर रांची से बुढ़मू-टंडवा-चतरा-हंटरगंज होते हुए डोभी बिहार की सीमा तक.
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टूरिस्ट कॉरिडोर : 270 किलोमीटर मिलन चौक (सिल्ली रंगामाटी रोड) से सारजमडीह-तमाड़-खूंटी-गोविंदपुरसिसई-घाघरा-नेतरहाट-गारू- सरयू-लातेहार-हेरहंज-बालूमाथमैक्लुस्कीगंज होते हुए चामा मोड़ तक.
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होली टूरिस्ट कॉरिडोर : 170 किलोमीटर रांची से ओरमांझी-गोला-रजरप्पा- डुमरी और गिरिडीह होते हुए देवघर तक. यह लुगुबुरू, पारसनाथ और बाबाधाम को आपस में जोड़ेगा.