विनी, यक्षिका और विधि सहित भारत के छह जूनियर मुक्केबाजों ने जोर्डन के अम्मान में 2022 एएसबीसी एशियाई युवा एवं जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप (Asian Youth and Junior Boxing Championships) में अपने वजन वर्ग में स्वर्ण पदक जीते.
हिसार की विनी ने फाइनल में कजाखस्तान की पहलवान को हराया
हिसार की विनी ने फ्लाइवेट 50 किग्रा फाइनल में कजाखस्तान की करीना तोकुबे को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से हराया. यक्षिका (52 किग्रा) ने उज्बेकिस्तान की रखिमा बेकनियाजोवा के खिलाफ पिछड़ने के बाद जोरदार वापसी करते हुए खंडित फैसले में 4-1 से जीत दर्ज की. विधि को हालांकि 57 किग्रा फीदरवेट फाइनल में जोर्डन की अया सुविनदेह के खिलाफ 5-0 की जीत के दौरान अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ा.
निकिता चंद ने लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता
गत चैंपियन निकिता चंद (60 किग्रा) ने कजाखस्तान की उल्दाना तोबे को हराकर लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता. रैफरी को तीसरे दौर के बीच में ही मुकाबला रोकना पड़ा. श्रृष्टि साठे (63 किग्रा) का कजाखस्तान की नुरसुलु सुइनेली के पास कोई जवाब नहीं था और रैफरी ने दूसरे दौर में ही मुकाबला रोककर भारतीय मुक्केबाज को विजेता घोषित किया.
रुद्रिका ने 75 किग्रा वर्ग में एकतरफा जीत दर्ज की
रुद्रिका ने 75 किग्रा वर्ग में एकतरफा फाइनल में कजाखस्तान की शुग्लया नालीबे को 5-0 से हराया. इससे पहले माही (46 किग्रा) और पलक (48 किग्रा) को सर्वसम्मत फैसलों में शिकस्त का सामना करना पड़ा जबकि सुप्रिया (54 किग्रा) उज्बेकिस्तान की उजुकजामोल युनुसोवा के खिलाफ मुकाबले को दूसरे दौर से आगे नहीं खींच पाई. खुशी को 81 किग्रा फाइनल में कजाखस्तान की कुराले येगिनबेकजी के खिलाफ 1-4 से शिकस्त झेलनी पड़ी जबकि निरझरा (+81 किग्रा) को भी उज्बेकिस्तान की सोबिराखोन सेखोबिदिनोवा के खिलाफ एकतरफा हार का सामना करना पड़ा.
भारत का टूर्नामेंट में 39 पदक पक्का
रात कृष पाल (46 किग्रा), रवि सैनी (48 किग्रा), यशवर्धन सिंह (60 किग्रा) और ऋषभ सिंह (60 किग्रा) भी रिंग में उतरेंगे. जूनियर वर्ग में 21 और युवा वर्ग में 18 पदक के साथ भारत पहले ही इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय टूर्नामेंट में 39 पदक पक्के कर चुका है. आयु वर्ग के इस टूर्नामेंट में पुरुष और महिला वर्ग के युवा और जूनियर मुकाबले एक साथ हो रहे हैं। भारत ने 2021 में दुबई में पिछले टूर्नामेंट में 14 स्वर्ण सहित 39 पदक जीते थे.