Loading election data...

गोरखपुर: व्यापारी ने बेजुबानों को जहर देकर मार डाला, पुलिस ने मामला किया दर्ज, पोस्टर्माटम रिपोर्ट का इंतजार

नगर निगम की टीम जब पशुओं के शव को ले जाने लगी तो स्थानीय लोगों ने उन्हें रोका और मामले की जानकारी पुलिस को दी. लोगों ने आरोपी दुकानदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शवों का पोस्टमार्टम कराने की मांग की. इसके साथ ही पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कड़ा एक्शन लेने को कहा.

By Prabhat Khabar News Desk | July 20, 2023 11:54 AM

Gorakhpur News: प्रदेश में गोरखपुर (Gorakhpur) जनपद के कैंट इलाके में बेजुबानों से क्रूरता का मामला सामने आया है. यहां एक दुकानदार ने हैवानियत भरी करतूत करते हुए गली में घूमने वाली फीमेल डॉग और उसके पांच बच्चों को जहर देकर मार डाला. उसकी ये करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. आसपास के लोगों ने जानकारी होने पर जब इसका विरोध किया तो आरोपी दुकानदार उनसे भी उलझ गया.

इस घटना से लोगों में दुकानदारों को लेकर बेहद नाराजगी है. उन्होंने इसको लेकर हंगामा शुरू करते हुए आरोपित दुकानदार के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जानवरों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और आरोपी व्यापारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है. पोस्टर्माटम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. यह पूरी घटना गोरखपुर के खोवा मंडी गली की है.

गोरखपुर जनपद के हुमायूंपुर निवासी गौरव साधवानी की खोवा मंडी स्थित होटल सन प्लाजा के सामने कटरे में दुकान है. उन्होंने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया है कि दुकानदार गुरुमुख एलानी उर्फ गंगाराम ने गली में घूमने वाली फीमेल डॉग और उसके दो बच्चों को जहरीला बिस्कुट खिलाकर मार डाला.

Also Read: UP Weather Update: यूपी में बढ़ने लगा तापमान, उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल, अब इस दिन सक्रिय होगा मानसून

इसके बाद सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपित को पकड़कर चेतावनी देने के बाद छोड़ दिया. आरोप है कि पुलिस चौकी से छूटने के बाद आरोपित ने फीमेल डॉग के बाकी बचे तीनों बच्चों को भी जहर देकर जान से मार दिया. उसकी इस हरकत का जब वहां के लोगों ने विरोध किया तो वह उन लोगों से भी उलझ गया और उन्हें देख लेने की धमकी भी दी.

जानकारी मिलने के बाद पहुंची नगर निगम की टीम जब पशुओं के शव को ले जाने लगी तो वहां के लोगों ने उन्हें रोक दिया और इसकी सूचना पुलिस को दी. लोगों ने आरोपी दुकानदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शवों का पोस्टमार्टम कराने की मांग की. इसके साथ ही आरोपित के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा. उन्होंने पशु क्रूरता अधिनियम 160 के तहत कड़ा एक्शन उठाने की मांग की.

दुकानदार के इस कृत्य की पूरे इलाके में चर्चा है. लोगों का कहना है कि अगर उसे बेजुबानों से दिक्कत थी, तो नगर निगम की टीम को सूचना दे सकता था. नगर निगम की टीम बेजबुानों को अपने साथ ले जाती, उन्हें कान्हा उपवन में रखा जा सकता था. यह नगर निगम कोई और कार्रवाई करता था, इससे बेजुबानों की जान तो बच जाती.

इस मामले में एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि आरोपित गुरुमुख एलानी उर्फ गंगाराम पर आईपीसी की धारा 428 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. पशुओं के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट व साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

IPC की धारा 428 में दो वर्ष का हो सकता है कारावास

आईपीसी की धारा 428 के तहत किसी भी जानवर को मारने, जहर देने उसे अपंग बनाने या अंग बेकार करने का आरोप तय होने पर दो वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है.

कान्हा उपवन में होती है बेसहारा और छुट्टा पशुओं की देखरख

इस बीच गोरखपुर में कान्हा उपवन में अब बेसहारा और छुट्टा पशुओं के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम ने निजी हाथों को सौंप दी है. पहले नगर निगम हर एक पशु पर रोजाना 62 रुपये खर्च करता था. वहीं, अब निजी हाथों में सौंपने के बाद अब हर एक पर पशु रोजाना 38 रुपये दिए जा रहे हैं. कान्हा उपवन में 1350 पशु रखे गए हैं.

कान्हा उपवन गोरखपुर के वार्ड नंबर 38 में स्थित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों इसका उद्घाटन हुआ था. 9 एकड़ में कान्हा उपवन का निर्माण 8.5 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था.

नगर निगम ने अब इसकी जिम्मेदारी निजी हाथों में दे दी है. पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल और उपचार के लिए पशुपालन विभाग के डॉक्टरों की तैनाती पहले की तरह है. फर्म उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं उपलब्ध कराता है. कान्हा उपवन में पशुओं की देखभाल का ठेका लेने वाली फर्म आईडीएस इंटरप्राइजेज पहले से ही जैविक खाद का उत्पादन कर रही है.

नगर निगम के अफसर निजी फर्म के कार्यों की निगरानी कर रहे हैं. साथ में सुपरवाइजर व जोनल अफसरों की भी तैनाती की गई है. पशुओं को भूसा, चारा व हरा चारा रोजाना दिया जा रहा है. यदि फर्म का कार्य आगे भी अच्छा रहेगा तो अनुबंध आगे भी बढ़ाया जा सकता है.

रिपोर्ट–कुमार प्रदीप, गोरखपुर

Next Article

Exit mobile version