Jharkhand News: पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड की बाइपी पंचायत अंतर्गत हिजिया गांव में शनिवार को सांप काटने (सर्पदंश) से एक गर्भवती महिला की मौत हो गयी. झाड़-फूंक के चक्कर में महिला की जान चली गयी. सर्पदंश के बाद गर्भवती महिला को अनुमंडल अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. चिकित्सकों ने महिला को जांच के बाद मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर नंदू होनहागा ने कहा कि सांप काटने पर झाड़-फूंक या ओझा के पास जाने के बजाय जल्द से जल्द मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचें. उसकी जान बचायी जा सकती है.
जहरीले सांप ने गर्भवती को डंसा
सांप काटने की ये घटना शनिवार सुबह हिजिया गांव की है. जानकारी के अनुसार हिजिया गांव निवासी शंभू उर्फ मटिया मेलगांड़ी की पत्नी पाराई मेलगांडी (30 वर्ष) घर में काम कर रही थी. इस दौरान एक जहरीले सांप ने उसके हाथ में डंस लिया. सूचना पाकर परिजन महिला को अस्पताल ले जाने के बजाए झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ गए. महिला की तबीयत बिगड़ने लगी तो दोपहर करीब साढ़े 12 बजे परिजन महिला को चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया. महिला की सास मेंजो जोंको ने कहा कि उसकी बहू पाराई मेलगांडी चार माह की गर्भवती थी.
समय पर अस्पताल लाने पर बच सकती थी जान
परिजनों की लापरवाही के कारण सर्पदंश की मरीज को देर से अस्पताल लाया गया, जिससे महिला का अस्पताल में इलाज नहीं हो सका और गर्भवती महिला की जान चली गई. अनुमंडल अस्पताल के डॉक्टर नंदू होनहागा ने कहा कि झाड़-फूंक के चक्कर में महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी. अगर महिला को समय पर अस्पताल लाया जाता, तो उसकी जान बचायी जा सकती थी. महिला को सुबह पांच बजे सांप ने काटा था, लेकिन परिजनों ने उसे झाड़-फूंक में रहकर काफी समय बर्बाद कर दिया और दिन के एक बजे अस्पताल लेकर पहुंचे. तब तक सांप का जहर महिला के पूरे शरीर में फैल चुका था. इस कारण गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया. डॉक्टर ने कहा कि सर्पदंश में ओझा व झाड़-फूंक नहीं करायें. जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचकर इलाज कराएं. मरीज की जान बच सकती है.
रिपोर्ट : रवि, चक्रधरपुर, पश्चिमी सिंहभूम