बरसात में जिले में सर्पदंश के मामले बढ़ गये हैं. एमजीएम अस्पताल में प्रतिदिन औसतन दो सर्पदंश के मरीज पहुंच रहे हैं. पूरे कोल्हान से जून महीने से लेकर 19 जुलाई तक (49 दिन में) 76 मरीज इलाज कराने एमजीएम पहुंचे. जिसमें नौ बच्चे भी शामिल हैं. उन्हें एंटी स्नेक वेनम दिया गया. इनमें 72 मरीज पूरी तरह ठीक होकर घर लौट गये. पांच की स्थिति गंभीर होने के पर दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया.
जबकि एक मरीज की मौत हुई. सर्पदंश के शिकार नौ बच्चों का इलाज आइसीयू में किया गया. इनमें आठ ठीक हो गये. एक को हायर सेंटर रेफर किया गया. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ नकुल चौधरी ने बताया कि बरसात में सावधान रहने की जरूरत है. सर्पदंश के बाद ग्रामीण झाड़ फूंक न करें मरीज को तुरंत अस्पताल लेकर आना चाहिए.
सांप डसने के लक्षण: काटने वाली जगह पर दर्द, सूजन, ऐंठन, मतली,उल्टी, अकड़न या कपकपी, एलर्जी, पलकों का गिरना,घाव के चारों ओर सूजन, जलन, लाल होना, त्वचा के रंग में बदलाव आदि.
शरीर के जिस हिस्से पर सांप डसे, वहां बर्फ या गर्म पानी न लगायें
अगर पैर या हाथ में सांप डस ले, तो ऊपरी हिस्से को टाइट न बांधे क्योंकि इससे रक्त प्रवाह रुक जाता है.
जिस हिस्से में सांप डस ले, वहां चीरा न लगायें
अस्पताल में पर्याप्त स्नेक एंटी वेनम व एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध है. इमरजेंसी व शिशु विभाग के इमरजेंसी में भी स्नेक एंटी वेनम व एंटी रेबीज उपलब्ध करा दिया गया है.
डॉ नकुल चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम अस्पताल