SNMMCH के गायनी विभाग में चिकित्सकों की कमी का दिखने लगा असर, लाैटायी जा रहीं प्रसूता
सदर अस्पताल प्रबंधन के अनुसार पिछले तीन दिनों में एसएनएमएमसीएच के गायनी विभाग से लौटायी गयी आठ महिलाओं का इलाज चल रहा है. इनमें से वैसी महिलाओं की संख्या सार्वधिक है, जिनके प्रसव की तिथि नहीं आयी है
धनबाद : एसएनएमएमसीएच के गायनी विभाग में चिकित्सकों की कमी का असर दिखने लगा है. पर्याप्त चिकित्सक नहीं होने के कारण वर्तमान में गंभीर स्थिति वाले मरीजों को भर्ती नहीं लिया जा रहा है. प्रसव पीड़ा के साथ पहुंचने वाली महिलाओं को सदर अस्पताल भेज दिया जा रहा है. यह सिलसिला पिछले तीन-चार दिनों से जारी है. जिन महिलाओं का तुरंत प्रसव होने वाला है, सिर्फ उन्हें ही भर्ती लिया जा रहा है. इसमें भी गंभीर, जिनका ऑपरेशन क माध्यम से प्रसव होने की संभावना अधिक है, वैसी मरीजों को सदर अस्पताल अथवा दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी जा रही है.
एसएनएमएमसीएच से लौटायी गयीं आठ महिलाएं सदर अस्पताल में हुईं भर्ती
सदर अस्पताल प्रबंधन के अनुसार पिछले तीन दिनों में एसएनएमएमसीएच के गायनी विभाग से लौटायी गयी आठ महिलाओं का इलाज चल रहा है. इनमें से वैसी महिलाओं की संख्या सार्वधिक है, जिनके प्रसव की तिथि नहीं आयी है, लेकिन अत्यधिक पीड़ा है. इसके अलावा कुछ मरीज ऐसे भी है, जिनका ऑपरेशन के जरिए प्रसव होने की संभावना अधिक है. सदर में भर्ती इन आठ मरीजों में छह का विभिन्न माध्यमों से प्रसव को चुका है. दो मरीजों का ऑपरेशन के जरिए प्रसव होना बाकी है.
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टुंडी की रीना देवी को एसएनएमएमसीएच से लौटाया गया
प्रसव पूर्व पीड़ा होने पर गुरुवार को टुंडी के कचर्राभुरसा निवासी रीना देवी एसएनएमएमसीएच पहुंची. उनके प्रसव की तिथि 15 दिन के बाद है. अचानक असहनीय दर्द होने पर वह गुरुवार की शाम एसएनएमएमसीएच पहुंची. उन्हें यह कह कर लौटा दिया गया कि ऑपरेशन के जरिए प्रसव कराना पड़ सकता है. अस्पताल में फिलहाल व्यवस्था नहीं है. बाद में रीना देवी के परिजन उन्हें लेकर सदर अस्पताल पहुंचे और भर्ती कराया.
सिर्फ चार चिकित्सकों के भरोसे चल रहा गायनी विभाग
वर्तमान में एसएनएमएमसीएच के गायनी विभाग में सिर्फ चार चिकित्सकों के भरोसे चिकित्सा व्यवस्था चल रही है. स्थिति यहां तक है कि एक चिकित्सक से 15 घंटें से ज्यादा काम लिया जा रहा है. ओपीडी से लेकर इंडोर तक की जिम्मेवारी सिर्फ चार चिकित्सकों पर टिकी है. तीन दिन पूर्व गायनी विभाग में पांच चिकित्सक सेवा दे रही थी. एक के मेटरनिटी लीव पर चले जाने से संख्या चार बची है. वर्तमान में गायनी विभाग में डॉ राजलक्ष्मी तुबिद (एचओडी), डॉ प्रतिभा राय (अनुबंध), डॉ प्रियंका हांसदा (एसोसिएट प्रोफेसर), डॉ अनिता कुमारी मुर्मू (एसोसिएट प्रोफेसर) अपनी सेवा प्रदान कर रही हैं.
गायनी विभाग में चिकित्सकों की कमी है. इसे दूर करने के लिए प्रयास किया जा रहा है. मुख्यालय से लेकर उपायुक्त व सीएस को अवगत कराया गया है. स्थानीय स्तर पर सीएस से चिकित्सकों की मांग की गयी है. जल्द ही इसे लेकर सीएस के साथ बैठक होगी. कुछ चिकित्सक मिलने की उम्मीद है.
डॉ अनिल कुमार, अधीक्षक, एसएनएमएमसीएच