राज्य का तीसरा सबसे बड़ा अस्पताल कहे जाने वाले शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में आवश्यक दवाओं का घोर अभाव है. अस्पताल की इमरजेंसी की बात करें, तो यहां प्राथमिक उपचार के लिए आवश्यक टेटनस, स्प्रिट, बीटाडीन लोशन, दर्द व उल्टी का इंजेक्शन तक आउट ऑफ स्टॉक है. यहां के कर्मियों के अनुसार लगभग चार माह से आवश्यक दवाओं का स्टॉक समाप्त है.
इमरजेंसी में रोजाना 200 से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं. ऐसे में मरीजों को बाहर से दवा खरीदने को कहा जाता है. दवाएं नहीं होने के चलते मरीजों को इलाज शुरू होने का इंतजार करना पड़ता है. असल में, डॉक्टर इमरजेंसी में मरीज को देख दवा की पर्ची लिख कर परिजन को देते हैं. बाहर से दवा खरीद कर लाने पर उनका इलाज शुरू होता है. बताया जाता है कि दिसंबर 2022 से ही दवाओं का स्टॉक खाली है. लगभग 10 तरह की ज्यादा दवाएं नहीं है. इनमें बेटाडीन लोशन, कॉटन, इसी लोशन, टेटनस इंजेक्शन, बैंडेज छह इंच, स्लाइन, स्प्रिट, ओंडम इंजेक्शन, टीएक्स इंजेक्शन, टरमाडोल इंजेक्शन हैं. अस्पताल प्रबंधन चार माह में पांच बार रिमाइंडर भेज चुका है. वरीय अधिकारी भी वस्तुस्थिति से अवगत हैं.
इमरजेंसी में रोजाना लगभग 50 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोग पहुंचते हैं. इनकी मरहम-पट्टी के लिए जरूरी बैंडेज व कॉटन तक इमरजेंसी में नहीं है. अति गंभीर मरीज के पहुंचने पर अस्पताल के विभिन्न विभागों से सामान का जुगाड़ कर इलाज किया जाता है. अस्पताल के ऑर्थो विभाग की बात करें तो यहां लगभग पांच माह से प्लास्टर ऑफ पेरिस नहीं है.
विभाग के बाहर सामान नहीं होने का नोटिस चिपका दिया गया है. कर्मियों के अनुसार, हर माह इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों तक पहुंचाते हैं. दो बार लिखित रूप में रिमाइंडर भी दिया गया. अबतक सामान उपलब्ध कराने की दिशा में काेई पहल नहीं हुई है. मरीजों को बाहर से सामान खरीदकर अपना प्लास्टर करवाना पड़ रहा है.
कुछ दिनों पूर्व करमाटांड़ पंचायत के हुचुकटांड़ में दूषित खाद्य पदार्थ के सेवन से लगभग 200 लोग बीमार पड़ गये थे. एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी में आये मरीजों के प्रारंभिक उपचार के लिए स्लाइन से लेकर आवश्यक दवाएं तक नहीं थीं. परिजनों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ी थीं. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने भी कुछ स्लाइन का प्रबंध किया था.
सप्लायर को सभी तरह की दवाएं देने के लिए लिस्ट सौंप दी गयी है. कुछ दवा भेज भी दी है. जल्द ही अन्य दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हो जायेंगी. ऑर्थो विभाग में प्लास्टर ऑफ पेरिस की आपूर्ति के लिए सप्लायर को कहा गया है.