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एक डॉक्टर के भरोसे धनबाद SNMMCH का यह विभाग, 82 दिन और दो रात में किये 255 पोस्टमार्टम

एकमात्र चिकित्सक विनीत पी तिग्गा के भरोसे पोस्टमार्टम से लेकर अन्य विभागीय कार्य संपादित हो रहे हैं. डॉ तिग्गा ने पिछले तीन माह से बिना छुट्टी लिये 82 दिन और दो रात अकेले 255 लाशों का पोस्टमार्टम किया है.

धनबाद, विक्की प्रसाद : शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी (एफएमटी) विभाग कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. हालत यह है कि 13 मैन पावर वाले इस विभाग में 12 पद खाली हैं. एकमात्र चिकित्सक विनीत पी तिग्गा के भरोसे पोस्टमार्टम से लेकर अन्य विभागीय कार्य संपादित हो रहे हैं. डॉ तिग्गा ने पिछले तीन माह से बिना छुट्टी लिये 82 दिन और दो रात अकेले 255 लाशों का पोस्टमार्टम किया है. बताते चलें कि उपायुक्त के निर्देश पर डॉ तिग्गा ने दो शवों का अलग-अलग रात में पोस्टमार्टम किया था.

प्रभावित हो रही पढ़ाई

हद यह कि डॉ तिग्गा को समय निकाल कर मेडिकल स्टूडेंट्स की कक्षा भी लेनी पड़ती है, पर पोस्टमार्टम और अन्य कामों के कारण पढ़ाई पर असर पड़ता है. डॉ तिग्गा पर काम के दबाव का असर है कि कभी-कभी छात्रों की पढ़ाई रुक जाती है. इस कारण विद्यार्थी भी परेशान हैं.

औसतन हर रोज पांच से सात शवों का होता है पोस्टमार्टम

एसएनएमएमसीएच के पोस्टमार्टम हाउस पर धनबाद के अलावा अन्य जिलों का भी लोड है. गिरिडीह, गोड्डा, पाकुड़, साहेबगंज, जामताड़ा आदि जिलों से भी पोस्टमार्टम के लिए यहां शव लाया जाता है. अभी हालत यह है कि औसतन रोजाना पांच से सात शवों का पोस्टमार्टम यहां होता है.

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परेशानी का एक कारण यह भी

मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की कमी की जानकारी स्वास्थ्य मुख्यालय को है, फिर भी एफएमटी विभाग में नियुक्त दो चिकित्सकों में से एक डॉ जक्का श्रीनिवास राव का हाल ही में एमजीएम जमशेदपुर तबादला कर दिया गया. इससे पहले वर्ष 2022 की शुरुआत में डॉ शक्ति का स्थानांतरण दुमका मेडिकल कॉलेज हो गया था. अक्तूबर 2022 में डॉ सपन स्वराक ने वॉलेंटरी रिटायरमेंट ले लिया. इतना ही नहीं वर्ष 2022 के नवंबर माह में विभाग से डॉ शुभेंदु ने इस्तीफा दे दिया, जबकि एक अन्य चिकित्सक वॉलंटरी रिटायरमेंट लेकर चले गये. वहीं दूसरे ने इस्तीफा दे दिया है.

स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सक मुहैया कराने से किया इनकार

विभाग की गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने एफएमटी विभाग में एक चिकित्सक नियुक्त करने का आग्रह स्वास्थ्य विभाग से किया था. इसके लिए प्राचार्य डॉ ज्योति रंजन प्रसाद ने सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन से एक चिकित्सक की मांग की थी, पर चिकित्सकों की कमी का हवाला देते हुए उन्होंने देने से इनकार कर दिया. इस वजह से समस्या में सुधार की स्थिति फिलहाल नहीं दिख रही है.

13 पदाधिकारियों का दायित्व एक के भरोसे

मेडिकल कॉलेज के एफएमटी विभाग में वर्तमान में 13 पद स्वीकृत हैं. इन पदों पर फॉरेंसिक मेडिसिन के दो प्रोफेसर, पांच शिक्षक व छह मेडिकल अफसरों को पदस्थापित रहना है, पर वर्तमान में एकमात्र डॉ विनीत पी तिग्गा यहां सभी 13 पदों का भार संभाल रहे हैं. इस कारण लगभग तीन माह से उन्हें एक दिन के लिए भी अवकाश नहीं मिल पाया है. डॉ तिग्गा धनबाद के अलावा गिरिडीह, जामताड़ा, गोड्डा समेत अन्य जिलों से लाये गये शवों का पोस्टमार्टम करते हैं.

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