SNMMCH : अस्पताल में पहली बार हुआ लिगामेंट इंजरी का ऑपरेशन, निजी अस्पतालों से आधे से भी कम खर्च पर होगा इलाज
लिगामेंट इंजरी की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर है. शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में अब लिगामेंट इंजरी से ग्रसित मरीजों को चिकित्सा सुविधा का लाभ मिलेगा.
लिगामेंट इंजरी की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर है. शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में अब लिगामेंट इंजरी से ग्रसित मरीजों को चिकित्सा सुविधा का लाभ मिलेगा. निजी अस्पतालों से आधे से भी कम खर्च पर मरीज अपना लिगामेंट टीयर का ऑपरेशन करा पायेंगे. बुधवार को एसएनएमएमसीएच में पहली बार मरीज के लिगामेंट टीयर का सफल ऑपरेशन किया गया. फोर्टिस अस्पताल कोलकाता से बतौर गेस्ट आमंत्रित ऑर्थोस्कोपिक सर्जन डॉ गौरव गुप्ता व मेडिकल कॉलेज के ऑर्थो विभाग के एचओडी डॉ डीपी भूषण के नेतृत्व में चितरंजन के मरीज अभिषेक चक्रवर्ती के लिगामेंट टीयर का ऑर्थोस्कोपिक विधि से ऑपरेशन किया गया. लंबे समय से लिगामेंट टीयर के कारण मरीज के घुटने में परेशानी थी. वह निजी अस्पताल में लिगामेंट टीयर के ऑपरेशन का खर्च उठाने में असमर्थ थे. अस्पताल में न्यूनतम खर्च पर मरीज को ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति बिल्कुल ठीक है.
20 हजार रुपये में करा पायेंगे लिगामेंट टीयर का ऑपरेशन
एसएनएमएमसीएच में लिगामेंट इंजरी से ग्रसित मरीज महज 20 हजार रुपये खर्च कर लिगामेंट टीयर का ऑपरेशन करा सकते हैं. डॉ डीपी भूषण ने बताया कि अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के मरीजों का नि:शुल्क ऑपरेशन किया जायेगा. वहीं अन्य मरीज लगभग 20 हजार रुपये खर्च कर ऑपरेशन करा सकते हैं. इन पैसों से ऑपरेशन के लिए आवश्यक उपकरण व दवा मंगवायी जायेगी. बताया कि निजी अस्पतालों में लिगामेंट टीयर ऑपरेशन का खर्च लगभग डेढ़ लाख रुपये आता है.
लिगामेंट इंजरी गंभीर समस्या, समय पर इलाज जरूरी : डॉ गौरव
फोर्टिस कोलकाता के ऑर्थोस्कोपिक सर्जन डॉ गौरव गुप्ता ने बताया कि लिगामेंट इंजरी गंभीर समस्या है. इसके तहत मरीज के लिगामेंट में टीयर आ जाता है. आम बोलचाल की भाषा में मरीज का लिगामेंट टूट व फट जाता है. किसी किसी मामलों में इससे मरीज को असहनीय दर्द होता है. समय रहते इसका ऑपरेशन करने से मरीज को तत्काल फायदा होता है. देर से इलाज कराने में मरीज को विभिन्न तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
लिगामेंट टीयर खुद से नहीं हो सकता ठीक : डॉ डीपी भूषण
डॉ डीपी भूषण ने बताया कि लिगामेंट टीयर की समस्या खुद से ठीक नहीं हो सकती है. कुछ मामलों में मरीज को हल्का दर्द होता है, जो वह सहन कर लेता है. बाद में समस्या बढ़ती है. समस्या बड़ी होने पर शरीर के दूसरी जगह का लिगामेंट अथवा अर्टिफिशियल उपकरणों के माध्यम से इसका ऑपरेशन किया जाता है. बताया कि घुटने में लिगामेंट इंजरी होने पर लंबे समय तक इसका इलाज नहीं कराने पर उसके खराब होने की संभावना बढ़ जाती है.
इधर, ऑर्थों विभाग में दो मरीजों का नी-रिप्लेंसमेंट की तैयारी
एसएनएमएमसीएच में नी-रिप्लेसमेंट का ऑपरेशन शुरू हो चुका है. हाल ही में बलियापुर के मरीज के घुटने का नी-रिप्लेसमेंट का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह स्वस्थ है. अस्पताल में नी-रिप्लेंसमेंट का ऑपरेशन की सूचना पर दो अन्य मरीज पहुंचे है. ऑपरेशन से पूर्व दोनों मरीज का डायग्नोसिस किया जा रहा है. जल्द ही दोनों मरीज के नी-रिप्लेंसमेंट का ऑपरेशन अस्पताल में किया जायेगा.
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