SNMMCH : अधीक्षक की अपील याचिका खारिज, हाइकोर्ट ने एकल पीठ का आदेश रखा बरकरार
झारखंड हाइकोर्ट ने शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के पूर्व अधीक्षक डाॅ अरुण कुमार बरनवाल के स्थानांतरण आदेश के मामले में एकल पीठ द्वारा पारित आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील यााचिका पर सुनवाई की.
झारखंड हाइकोर्ट ने शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के पूर्व अधीक्षक डाॅ अरुण कुमार बरनवाल के स्थानांतरण आदेश के मामले में एकल पीठ द्वारा पारित आदेश को चुनाैती देनेवाली अपील यााचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अपील याचिका को खारिज कर दिया. प्रार्थी को राहत देने से इनकार कर दिया. खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए बरकरार रखा. अपने आदेश में खंडपीठ ने कहा कि एकल पीठ के आदेश में किसी प्रकार के हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी एसएनएमएमसीएच के वर्तमान अधीक्षक डॉ अनिल कुमार ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती दी थी.
क्या है मामला
जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की एकल पीठ ने डॉ अरुण कुमार बरनवाल के स्थानांतरण आदेश व डॉ अनिल कुमार को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, धनबाद के अधीक्षक पद का अतिरिक्त प्रभार देने संबंधी आदेश को निरस्त कर दिया था. पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने फैसले में कहा था कि विभागीय मंत्री के आदेश पर स्थानांतरण का आदेश कानून की नजर में गलत है. विभागीय स्थापना समिति की अनुशंसा पर ही स्थानांतरण किया जा सकता है. चूंकि प्रार्थी अपने सेवाकाल के लगभग अंतिम पड़ाव (31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत्त होंगे) पर हैं. प्रार्थी को एसोसिएट प्रोफेसर सह अधीक्षक शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, धनबाद के पद से एसोसिएट प्रोफेसर फूलो झानो मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल दुमका के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया. विभागीय स्थापना समिति की अनुशंसा में उनका नाम नहीं था. बाद में उसे जोड़ा गया. राज्य सरकार अपने शपथ पत्र में यह नहीं बता पायी है कि विभागीय मंत्री ने अपने किस अधिकार का इस्तेमाल करते हुए प्रार्थी के स्थानांतरण के लिए आदेश दिया था.