धनबाद. आउटसोर्स कर्मियों व सुरक्षाकर्मियों को हटाने की घोषणा के बाद SNMMCH में अव्यवस्था उत्पन्न हो गयी. दूर-दूर से इलाज के लिए आये व अस्पताल में भर्ती मरीजों को काफी असुविधा हुई. उनका इलाज नहीं हुआ, तो जो भर्ती थे उन्हें कोई सुविधा नहीं मिली. दरअसल, शुक्रवार को आउटसोर्स कर्मियों की आपात बैठक के बाद दिन के 11.30 बजे आउटसोर्स कर्मियों ने हड़ताल की घोषणा कर दी. इससे अस्पताल का कामकाज ठप हो गया. ओपीडी का रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद होने से लोग चिकित्सीय परामर्श से वंचित रहे. इससे नाराज लोगों ने जमकर हंगामा किया. होमगार्ड जवानों से भी बकझक हुई. यही स्थिति इमरजेंसी समेत अन्य विभागों में भी दिखी. अस्पताल के विभिन्न वार्डों से लेकर इमरजेंसी, ब्लड बैंक, ऑपरेशन थियेटर (ओटी), ओपीडी के रजिस्ट्रेशन काउंटर समेत अन्य जगहों पर कार्यरत कर्मी अपना कामकाज छोड़ गायनी विभाग की बिल्डिंग के बाहर इकट्ठा हो गये और सरकार व स्वास्थ्य मुख्यालय के निर्णय के विरोध में प्रदर्शन करने लगे. शुक्रवार शाम तक आउटसोर्स कर्मी धरना पर बैठे रहे.
क्या है मामला
स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के दो निर्णयों की वजह से शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) की स्थिति बदल गयी है. दरअसल, सोमवार को तय हुआ कि चिकित्सा व्यवस्था में तैनात 425 आउटसोर्स कर्मियों की जगह 328 आउटसोर्स कर्मियों से काम लिया जायेगा. अन्य 97 कर्मियों को हटाने को लेकर नोटिस भी दे दिया गया. इससे उत्पन्न नाराजगी को देखने के लिए बुधवार की रात एडीएम ने एसएनएमएमसीएच का निरीक्षण किया. इससे आउटसोर्स कर्मियों में आस जगी थी कि उन्हें हटाने का आदेश वापस ले लिया जायेगा, पर इसी बीच गुरुवार को सुरक्षा कर्मी को घटाने की बात सामने आने पर आउटसोर्स कर्मियों के सब्र का बांध शुक्रवार को टूट गया और हंगामा शुरू हो गया.
दिन के 11.35 बजे बंद हो गया रजिस्ट्रेशन काउंटर
आउटसोर्स कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से सारा काम ठप हो गया. दिन के 11.35 बजे ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर में तैनात आउटसोर्स कर्मियों ने पर्ची काटना बंद कर दिया. इस दौरान रजिस्ट्रेशन काउंटर में मरीजों की भीड़ थी. करीब एक घंटे तक काउंटर नहीं खुलने पर मरीजों व उनके साथ पहुंचे परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. इस दौरान सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवानों ने लोगों को समझा-बुझा कर शांत कराया.
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इलाज के बगैर लौटे एक हजार से ज्यादा मरीज
आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल के कारण दिन के 11.30 बजे ओपीडी का रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद कर दिया गया. डॉक्टरी परामर्श से पहले रजिस्ट्रेशन काउंटर में मरीजों को पर्ची दी जाती है. तब तक 202 मरीजों का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया. यहां सुबह से लेकर शाम तक की ओपीडी में औरसतन 1200 मरीज पहुंचते है. काउंटर के बंद होने से मरीजों की पर्ची नहीं बनी. लगभग एक हजार से ज्यादा मरीजों को इलाज के बगैर लौटना पड़ा.
सिर्फ तीन मरीजों का ऑपरेशन
शुक्रवार को अस्पताल के अलग-अलग विभाग में भर्ती 10 मरीजों का ऑपरेशन होना था. दिन के 12 बजे से पहले तीन का ही ऑपरेशन हुआ. इसके बाद ओटी के बाहर मरीज अपनी बारी का इंतजार करते रहे. गोविंदपुर की चिंता देवी व गांधी नगर के राजदेव साव का ऑपरेशन होना था. दिन के 11.15 बजे के करीब उन्हें वार्ड से ओटी ले जाया गया. इसी दौरान हड़ताल होने की घोषणा हो गयी. दोपहर एक बजे तक दोनों मरीज ओटी के बाहर स्ट्रेचर पर पड़े रहे. लेकिन उनका ऑपरेशन नहीं हुआ. बाद में दोनों को उनके वार्ड तक पहुंचाया.