आरती श्रीवास्तव
दुनिया के कई पेशेवर फुटबॉलर जहां 30 की उम्र में संन्यास ले लेते हैं, वहीं जापान के वरिष्ठ फुटबॉलर उम्र के उस पड़ाव पर भी अपना दमखम दिखा रहे हैं, जिस उम्र में कई बुजुर्ग उठने-बैठने तक में लाचार हो जाते हैं. जापान के ये वरिष्ठ फुटबॉलर 80 की उम्र पार करने के बाद भी खेल को लेकर जोश में हैं. हाल ही में जापान में 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए ‘सॉकर फॉर लाइफ लीग’, यानी एसएफएल शुरू किया गया है.
असल में जापान की जनसंख्या तेजी से बूढ़ी हो रही है, ऐसे में यहां के बुजुर्ग सक्रिय रहने के लिए इस लीग से जुड़ रहे हैं. दूसरे शब्दों में कहें, तो ये बुजुर्ग सक्रिय रहने के लिए फुटबॉल का सहारा ले रहे हैं. इस लीग में खेलने वाले टीम की औसत आयु 77 वर्ष है. शिंगो शियोजावा एसएफएल के गोलकीपर हैं, उनकी उम्र 93 वर्ष है. वे इस उम्र में भी प्रशिक्षण लेते हैं. फुटबॉल ने उन्हें सिगरेट छोड़ने और बीमारी से जल्द ठीक होने में सहायता की है.
शिंगो शरीर के साथ अपने मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखना चाहते हैं और इसके वे मिस्र की चित्रलिपी के जरिये गणितीय समस्याओं को भी हल करते हैं. हालांकि इन खिलाड़ियों के लिए यह सब करना आसान नहीं है. कई बार इनके सामने घुटनों के दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसे समस्याएं भी आती हैं, पर वे हार नहीं मानते. इनमें से कई तो अपने पोते-पोतियों के साथ भी फुटबॉल का अभ्यास करते देखे गये हैं.
इन बुजुर्गों का हौसला और जोश देखकर युवाओं को भी अधिक मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है. जापान के इन बुजुर्गों ने दुनिया को यह सिखाया है कि उम्र महज एक आंकड़ा है और यदि हम चाहें तो बुजुर्ग होने के बाद भी अपने आप को चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं.