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झारखंड: संयुक्त राष्ट्र के शिखर सम्मेलन में 30 नवंबर को शामिल होंगे सोशल साइंटिस्ट शुभाशीष चक्रवर्ती

शुभाशीष चक्रवर्ती ने बताया कि वे 2019 में संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय में अपना व्याख्यान दे चुके हैं. दूसरी बार विशिष्ट अतिथि के रूप में बुलाया गया है. शुभाशीष को वर्ष 2006 में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के फेलोशिप अवार्ड एवं महात्मा अवार्ड से नवाजा जा चुका है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 28, 2023 5:27 AM
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रजरप्पा (रामगढ़), सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार: झारखंड के रामगढ़ जिले के रजरप्पा के सोशल साइंटिस्ट शुभाशीष चक्रवर्ती 30 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय न्यूयॉर्क में आयोजित शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. वे यूएन इंपैक्ट समिट में बतौर विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किये गये हैं. वे सम्मेलन में सामाजिक विकास तथा पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे प्रतिनिधियों के कार्यों का अवलोकन और उनका उत्साहवर्धन करेंगे. यह शिखर सम्मेलन समाज और पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे व्यक्तित्वों एवं प्रभावशाली लोगों के प्रयासों पर प्रकाश डालता है, जो सक्रिय रूप से संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर कार्य कर रही है. साथ ही संयुक्त राष्ट्र के पदाधिकारी इस कार्यक्रम से दुनियाभर के राजनयिक, राजदूत, उद्यमियों, रचनाकारों सहित चुने हुए प्रतिभाशाली युवाओं को एक साथ लाता है.

2019 में दे चुके हैं व्याख्यान

शुभाशीष चक्रवर्ती ने बताया कि वे 2019 में संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय में अपना व्याख्यान दे चुके हैं. दूसरी बार विशिष्ट अतिथि के रूप में बुलाया गया है, जो मेरे लिए गर्व की बात है. बताते चलें कि शुभाशीष को वर्ष 2006 में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के फेलोशिप अवार्ड एवं महात्मा अवार्ड से नवाजा जा चुका है. वे भारतीय भाषा संस्थान टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च पदों पर सेवा दे चुके हैं. पिछले एक दशक अपने वेतन की राशि वंचित समुदाय के विकास में खर्च कर रहे हैं. श्री चक्रवर्ती ने रांची जिले के सोनाहातू प्रखंड अंतर्गत पंडाडीह गांव में लड़कियों और लड़कों के बीच क्रिकेट टूर्नामेंट कराया. इस प्रयास को भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने खेल जगत से जुड़ी सर्वश्रेष्ठ कहानी के रूप में चुना. वे ग्रामीण क्षेत्र में छऊ नृत्य के उत्थान, औषधीय पौधशाला, पुस्तकालय का निर्माण सहित कई कार्य कर रहे हैं.

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