Solar Eclipse 2021: लगने वाला है साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानें समय, सूतक काल और किस राशि पर रहेगा प्रभाव

Solar Eclipse 2021, Surya Grahan 2021: 19 नवंबर के चंद्र ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद यानी 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा. इसके बाद अगले ग्रहण के लिए साल 2022 का इंतजार करना होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2021 5:18 PM

Solar Eclipse 2021, Surya Grahan 2021 : सूर्य ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है. 4 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. हिन्दू पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण का बहुत महत्व है. ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए और भगवान की पूजा भी नहीं की जाती है. सूर्य ग्रहण से संबंधित यह तो एक धार्मिक मान्यता है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण और अनोखी खगोलीय घटना है.

करीब चार घंटे रहेगा ग्रहण

सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो जाएगा, जो लगभग चार घंटे बाद दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पूरा होगा.

15 दिन का समय अशुभ

साल का अंतिम चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लग चुका है. 15 दिनों के अंदर अब ये दूसरा ग्रहण है. ज्योतिष में इतने कम समय के अंतराल पर पड़ने वाले ग्रहण को अशुभ माना जाता है.

कहां कहां दिखेगा

यह साल 2021 का अंतिम सूर्य ग्रहण है. इस सूर्य ग्रहण को दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया,अटलांटिक के दक्षिणी भाग और दक्षिण अफ्रीका में देखा जा सकेगा.

आइए जानते हैं कुछ ऐसे मंत्र जिनके जाप से न सिर्फ शत्रुओं का नाश होता है, बल्कि सभी संकट दूर हो जाते हैं.

1. ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय

जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।

2. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये

प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।

3. “विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत

दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥

मान्य होगा सूतक काल?

चार दिसंबर को लगने का जा रहे सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा क्योंकि ये उपछाया ग्रहण होगा. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई पड़ेगा, इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा. ज्योतिष अनुसार, पूर्ण ग्रहण पर ही सूतक काल मान्य होता है. आंशिक या उपछाया पर ये नियम लागू नहीं होते हैं.

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