ज्योतिषाचार्य अम्बरीश मिश्र ने बताया कि 14 अक्टूबर को लगने वाला ग्रहण इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा. इससे पहले 20 अप्रैल 2023 को सूर्य ग्रहण लगा था. ग्रहण लगने की घटना को ज्योतिष और खगोल शास्त्र की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. ग्रहण के बाद देश दुनिया में प्राकृतिक आपदा की संभावना बढ़ जाती है.
14 अक्टूबर 2023 को सूर्य ग्रहण लगेगा और इसी दिन सर्व पितृ अमावस्या रहेगी. सर्व पितृ अमावस्या के साथ ही 16 दिनों तक चलने वाले श्राद्धपक्ष की समाप्ति हो जाती है. हालांकि यह ग्रहण भारत में दर्शनीय नहीं होगा, जिस कारण श्राद्ध कर्म और अमावस्या से जुड़ी सारी धार्मिक गतिविधियों पर कोई रोक नहीं होगी.
पंचांग के अनुसार, 14 अक्टूबर 2023 को सूर्य ग्रहण अश्विन माह की अमावस्या तिथि पर कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा. सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को रात 8 बजकर 34 मिनट से आरंभ होगा और मध्यरात्रि 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा.
सूर्यग्रहण समाप्त होने के तुरंत बाद स्नान करना चाहिए. स्नान करते समय पानी में गंगाजल मिलाने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों का असर खत्म हो जाता है. स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए. सूर्य ग्रहण की समाप्ति घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद घर के सभी सदस्यों को स्नान करना चाहिए. क्योंकि ग्रहण का प्रभाव व्यक्ति पर भी पड़ता है. ग्रहण समाप्त होने के बाद पूजा घर में सभी देवी-देवताओं की मूर्ति की भी सफाई करें और गंगाजल छिड़के. ग्रहण के बाद देवी-देवताओं के दर्शन करना शुभ होता है.
सूतक काल हटने के तुरंत बाद आपको मंदिर पर गंगाजल का छिड़काव करना है. इतना ही नहीं, मंदिर को हाथ लगाने से पूर्व आपको खुद पर भी गंगाजल का छिड़काव करना है. ऐसा कहा जाता है कि गंगाजल बहुत ही शुद्ध होता है और किसी भी ग्रहण का उसकी पवित्रता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.