Solar Energy Policy : रिन्युएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार बनायेगी भूमि बैंक
सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सोलर पार्क, पावर ग्रिड आदि बनाने होंगे और इसे लिए बड़े पैमाने पर जमीन की जरूरत होगी. झारखंड जैसे आदिवासी बहुल इलाके में किसी नीति के लिए जमीन का आवंटन एक बड़ी चुनौती है.
झारखंड सरकार ने पांच जुलाई को सौर ऊर्जा नीति 2022 की घोषणा की है. अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर झारखंड सरकार इस नीति को किस तरह कारगर बनायेगी. झारखंड सरकार की सौर नीति का उद्देश्य रिन्युएबल एनर्जी के क्षेत्र में झारखंड को लीडर बनाना है. सरकार ने अगले पांच साल के लिए इस नीति की घोषणा की है.
जमीन का आवंटन बड़ी चुनौती
झारखंड सरकार ने 2022-23 से 2026-27 तक सौर ऊर्जा के जरिये 4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सोलर पार्क, पावर ग्रिड आदि बनाने होंगे और इसे लिए बड़े पैमाने पर जमीन की जरूरत होगी. झारखंड जैसे आदिवासी बहुल इलाके में किसी नीति के लिए जमीन का आवंटन एक बड़ी चुनौती है.
राज्यों की जरूरत के अनुसार होगी बिजली की खरीद
सरकार की सोलर नीति में सौर ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जो प्रावधान किये गये हैं वे इस प्रकार हैं. सरकार ने लक्ष्य प्राप्ति के लिए तीन मुख्य प्रावधान किये हैं- 1. भूमि आवंटन 2. परियोजना को प्रोत्साहन और 3. राज्यों की जरूरत के अनुसार बिजली की खरीद.
सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए जमीन का आवंटन सबसे जरूरी
सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए जमीन का आवंटन सबसे जरूरी है, इसके लिए सबसे पहले भूमि की पहचान की जायेगी, फिर उनकी लिस्टिंग होगी और भूमि का विकास करने के बाद उसका आवंटन होगा. इस योजना के तहत सरकारी भूमि, निजी भूमि और पानी पर स्थापित किए जाने वाले सौर संयंत्रों की परिकल्पना की गयी है.
बंजर भूमि का चयन किया जायेगा
भूमि आवंटित करने से पहले सरकारी और निजी भूमि की पहचान होगी और उन्हें भूमि बैंकों में परिवर्तित किया जायेगा. उसके बाद जेरेडा इन भूमि पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाने का काम करेगी. यह व्यवस्था राज्य के सोलर नीति में की जायेगी. खासकर बंजर भूमि का चयन इस भूमि बैंक के लिए किया जायेगा. सरकारी विभागों को इस संबंध में जानकारी देने के लिए कहा गया है. उसके बाद जेरेडा जिस जिले में जमीन है उसे उपायुक्त के साथ मिलकर काम करेगा और भूमि का आवंटन किया जायेगा.
जेरेडा ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट‘ जारी करेगा
निजी जमीनों के मालिकों को सोलर प्लांट लगाने के लिए अपनी जमीन देने के लिए प्रेरित करने के लिए जेरेडा ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट‘ जारी करेगा. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार ने सीएनटी और एसपीटी एक्ट के तहत आने वाली जमीन को इस नीति के तहत शामिल नहीं करने की घोषणा की है.
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सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना औद्योगिक गतिविधि
सौर ऊर्जा नीति के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना को औद्योगिक गतिविधि माना जाएगा. इसलिए इस कार्य के लिए भूमि का हस्तांतरण सीएनटी अधिनियम की धारा 49 और धारा 241 और एसपीटी अधिनियम की धारा 53 के तहत किये जाने की अनुमति भी दी गयी है. सौर ऊर्जा के लिए भूमि का अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनःस्थापन अधिनियम, 2013 के तहत किया जायेगा.