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धनबाद के 102 गांवाें में साैर ऊर्जा से होगी जलापूर्ति, घर-घर पहुंचेगा ट्यूबवेल का पानी

धनबाद जिले के पांच प्रखंडाें के 102 गांवाें में मिनी जलापूर्ति योजना के तहत साैर ऊर्जा के जरिये घर-घर पीने का साफ पानी पहुंचाया जाएगा. इन गांवाें में पानी पहुंचाने के लिए कुल 36 कराेड़ रुपये खर्च हाेंगे. इन गांवाें में से 92 गाेविंदपुर, निरसा, एग्यारकुंड और कलियासाेल प्रखंडाें में हैं.

Dhanbad news: धनबाद जिले के पांच प्रखंडाें के 102 गांवाें में मिनी जलापूर्ति योजना के तहत साैर ऊर्जा के जरिये घर-घर पीने का साफ पानी पहुंचाया जाएगा. इन गांवाें में पानी पहुंचाने के लिए कुल 36 कराेड़ रुपये खर्च हाेंगे. इन गांवाें में से 92 गाेविंदपुर, निरसा, एग्यारकुंड और कलियासाेल प्रखंडाें में हैं. यह वैसे गांव हैं, जहां निरसा-गाेविंदपुर मेगा ग्रामीण जलापूर्ति याेजना के तहत पाइपलाइन के जरिये पानी पहुंचाना संभव नहीं है.

92 गांवाें की याेजनाओं के लिए 23 कराेड़ रुपये का टेंडर निकाला गया है. वहीं, ताेपचांची प्रखंड के 10 गांवाें के लिए 13 कराेड़ रुपये की याेजना तैयार की गयी है. इस योजना की भी टेंडर निकाल दिया गया है. इन गांवों में ट्यूबवेल का पानी लोगों के घरों तक पहुंचाने की योजना है. योजना के तहत अलग-अलग गांवों में आबादी के अनुसार ट्यूबवेल का निर्माण किया जायेगा. बता दें कि मिनी जलापूर्ति योजना को लेकर पूर्व में भी टेंडर निकाला गया था. उस दौरान तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से टेंडर रद्द कर दिया गया था. अब, एक बार फिर से नये सिरे से टेंडर निकाला गया है.

दुर्गम क्षेत्र के गांवों में नदी व डैम का पानी पहुंचाना मुश्किल

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले के विशुनपुर, लक्ष्मीपुर, मदईडीह, ढांगी, लेदाटांड़, बेलमी, कामता, नेराे, खूरडीह, दयाबांध सहित कई गांव दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्र में स्थित है. इन गांवों में मल्टी विलेज स्कीम के तहत नदी या डैम से जलापूर्ति की याेजना धरातल पर नहीं उतारी जा सकती है. इसलिए वहां मिनी जलापूर्ति याेजनाओं से घर-घर पानी पहुंचाने की तैयारी की गयी है.

गांवों में बनेंगे अलग-अलग क्षमता के जलमीनार

मिनी जलापूर्ति योजना को लेकर गांवों में अलग-अलग क्षमता वाले जलमीनार बनाने की तैयारी है. क्षमता अनुसार जलमीनारों से घरों को जोड़ा जायेगा. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों के अनुसार छाेटी जलमीनारों से 20, बड़ी से 60 घराें काे कनेक्शन दिया जायेगा. अधिकारियों के अनुसार चार हजार लीटर की क्षमता की जलमीनाराें से 10-20 घराें में जलापूर्ति हाेगी. छह हजार लीटर की क्षमता वाले जलमीनाराें में 20-30 घराें में पानी सप्लाई होगी. वही 12 हजार लीटर की क्षमता वाले जलमीनाराें में 20-40 घराें में जलापूर्ति हाेगी. 16 हजार लीटर की क्षमता की जलमीनाराें में 40-60 घराें में पानी मिलेगा. अधिकारियों के अनुसार 4-6 हजार लीटर क्षमता वाली जलमीनाराें के लिए एक नया ट्यूबवेल लगेगा, 6-12 हजार लीटर क्षमता वाली जलमीनाराें के लिए दाे नए ट्यूबवेल लगेंगे.

जलमीनाराें में लगे सोलर पैनल से चलेगा मोटर

मिनी जलापूर्ति याेजनाओं के तहत नये ट्यूबवेल लगेंगे, चार से 16 हजार लीटर क्षमता वाली जलमीनार बनाया जायेगा. जलमीनाराें के ऊपर सोलर पैनल लगाये जाएंगे. उनसे मिलने वाली बिजली से मोटर चलेगा, जिससे ट्यूबवेल का पानी जलमीनाराें में चढ़ाया जाएगा.

अगले चरण में क्लस्टर याेजना के तहत जलापूर्ति की तैयारी

मिनी जलापूर्ति याेजना के अगले चरण में ताेपचांची प्रखंड में क्लस्टर याेजना के तहत एक साथ पांच से छह गांवाें में जलापूर्ति की व्यवस्था की जायेगी. इसके तहत पांच क्लस्टर बनाकर 25 से 30 गांवाें में जलापूर्ति की काेशिश हाेगी.​ ​​​

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता मनीष कुमार पांच प्रखंडाें के 102 गांवाें में साैर ऊर्जा के जरिये जलापूर्ति की जायेगी. ये वैसे गांव हैं, जहां दूसरी बड़ी याेजनाओं के तहत पाइपलाइन से पानी पहुंचाने में परेशानी है. योजना को लेकर टेंडर निकाला गया है. योजना का कार्य पूरा होते ही ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को लाभ मिलेगा.

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