गढ़वा के गांवों में लगे सोलर जलमीनार 5 साल में ही तोड़ने लगा दम, ग्रामीणों को पेयजल पर आफत
गढ़वा के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से करोड़ों की लागत से लगे सोलर जलमीनार पांच साल में ही दम तोड़ने लगा है. ग्रामीणों ने घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. जिले के 2825 सोलर जलमीनार में से 1010 जलमीनार खराब पड़े हैं.
गढ़वा, पीयूष तिवारी : गढ़वा के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गांवों में लगाया गया सोलर जलमीनार अधिष्ठापन के चार-पांच सालों में ही दम तोड़ने लगी है. जलमीनार अधिष्ठापन में घटिया सामग्री का उपयोग किये जाने की वजह से जिले में यह योजना फेल होने के कगार पर पहुंच गयी है. प्रत्येक सोलर जलमीनार का निर्माण 3.84 लाख रुपये की लागत से की गयी है, लेकिन इसमें से 64 हजार रुपये की राशि पांच साल तक जलमीनार मरम्मति के लिए भी रखी गयी है. इस वजह से जिले में वर्तमान समय में 1010 जलमीनार खराब पड़े हुए हैं.
मरम्मति की राशि है, इसके बावजूद सालों से खराब पड़े है जलमीनार
पंचायतों में मरम्मति की राशि का प्रावधान होने के बावजूद कई जलमीनार सालभर से खराब पड़े हुए हैं. उनमें ज्यादा राशि खर्च होने की वजह से उसे खराब छोड़ना मजबूरी हो गयी है. 14वें एवं 15वें वित की राशि से साल 2018-19 से सोलर जलमीनार लगाना प्रारंभ किया गया है. वर्तमान समय में जिले में कुल 2825 जलमीनार स्थापित किये गये हैं. इनके अधिष्ठापन में 90.40 करोड़ रूपये की राशि खर्च हुई है.
वर्तमान में सिर्फ 1815 जलमीनार ही कार्यरत
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, इसमें से वर्तमान में सिर्फ 1815 जलमीनार ही कार्यरत हैं. जबकि शेष 1010 जलमीनार खराब पड़े हुए हैं. यह आंकड़ा विभाग का है. धरातल की स्थिति इससे और ज्यादा खराब होने की संभावना है. इसके अलावा विशेष केंद्रीय सहायत मद से भी जिले में 145 जलमीनार लगाये गये हैं, लेकिन इसमें से कितने खराब हैं, इसकी सूची विभाग के पास वर्तमान समय में उपलब्ध नहीं है.
क्या है सोलर जलमीनार
सोलर जलमीनार में पहले से गाड़े गये चापाकल में समरसेबल डाल दिया गया है तथा उसके ऊपर एक हजार लीटर की एक टंकी लगा दी गयी है. टंकी के ऊपर सोलर को इंस्टॉल किया जाता है. सोलर के माध्यम से ही उसमें से पानी टंकी में जाती है और उसके बाद टंकी से निकाले गये नल से लोग पानी भरते हैं. ये सभी सोलर जलमीनार मुखिया के माध्यम से 14वें एवं 15वें वित की राशि से अधिष्ठापित किये गये हैं. इसकी मरम्मति की राशि भी पंचायत को ही उपलब्ध करायी गयी है, साथ ही अन्य देखरेख का दायित्व भी मुखिया को ही सौंपा गया है.
कागज पर ही मेंटेनेंस कर राशि बंदरबांट का संदेह
सोलर जलमीनार अधिष्ठापन में जिस तरह से गड़बड़ी की गयी है. उसी तरह की गड़बड़ी उसके मेंटेनेंस में भी हो रही है. जिले में करीब 40 प्रतिशत सोलर जलमीनार के खराब रहने से इस बात को बल मिल रहा है कि कहीं मेंटेनेंस की राशि का बंदरबांट तो नहीं की जा रही है. मालूम हो कि मेंटेनेंस के लिए प्रत्येक जलमीनार के लिए 64 हजार रुपये की राशि उपलब्ध करायी गयी है.
गढ़वा जिले में प्रखंडवार सोलर जलमीनार की स्थिति
गढ़वा जिले के 20 प्रखंडों में से सबसे अधिक गढ़वा प्रखंड में सोलर जलमीनार स्थापित किये गये हैं. लेकिन, गढ़वा प्रखंड के आधे से ज्यादा सोलर जलमीनार खराब हैं.
प्रखंड : जलमीनार की संख्या : कार्यरत है
गढ़वा : 527 : 255
सगमा : 61 : 48
रंका : 177 : 128
रमना : 93 : 63
रमकंडा : 98 : 47
नगरउंटारी : 135 : 88
मेराल : 293 : 180
मझिआंव : 112 : 55
खरौंधी : 103 : 54
केतार : 135 : 83
कांडी : 248 : 154
धुरकी : 128 : 48
डंडई : 137 : 86
डंडा : 31 : 13
चिनियां : 106 : 83
विशुनपुरा : 74 : 44
भवनाथपुर : 139 : 137
भंडरिया : 148 : 115
बड़गड़ : 91 : 76
बरडीहा : 87 : 58