Somvar Vrat Aarti : सोमवारी व्रत में भक्त जन उपवास रखते हैं तथा किसी शिव मंदिर में जाकर, शिवलिंग के ऊपर बेलपत्र, धतूरा तथा जल वा दुग्ध का अभिषेक करते है साथ ही प्रसाद के रूप में फल चढ़ाते है. इस प्रकार विधि पूर्वक पूजा अर्चना करने के बाद शिवजी की आरती करनी चाहिए। कहा जाता है की बिना आरती के आपके द्वारा किये व्रत का पूर्ण फल नही मिलता है अतः आरती अवश्य ही करनी चाहिए.
आरती करत जनक कर जोरे।
बड़े भाग्य रामजी घर आए मोरे॥
जीत स्वयंवर धनुष चढ़ाए।
सब भूपन के गर्व मिटाए॥
तोरि पिनाक किए दुइ खंडा।
रघुकुल हर्ष रावण मन शंका॥
आई सिय लिए संग सहेली।
हरषि निरख वरमाला मेली॥
गज मोतियन के चौक पुराए।
कनक कलश भरि मंगल गाए॥
कंचन थार कपूर की बाती।
सुर नर मुनि जन आए बराती॥
फिरत भांवरी बाजा बाजे।
सिया सहित रघुबीर विराजे॥
धनि-धनि राम लखन दोउ भाई।
धनि दशरथ कौशल्या माई॥
राजा दशरथ जनक विदेही।
भरत शत्रुघन परम सनेही॥
मिथिलापुर में बजत बधाई।
दास मुरारी स्वामी आरती गाई॥
व्रत का फल
जीवन धन-धान्य से भर जाता है।