सोना उगलती है बिहार के जमुई की माटी, गर्भ में देश का 44 प्रतिशत गोल्ड भंडार, चर्चा से क्षेत्र में जगी आस

बिहार के जमुई का सोनो प्रखंड का एक गांव ऐसा है जो अपने गर्भ में देश का 44 प्रतिशत सोना समाये हुए है. सदन में इसकी चर्चा हुई तो लोगों में फिर एकबार आस जग गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 28, 2022 11:16 AM

विनय कुमार मिश्रा,सोनो: देश के सर्वाधिक स्वर्ण भंडार अपने गर्भ में छिपाये रखने वाला सोनो प्रखंड के चर्चित बेचिरागी गांव करमटिया के बीते वर्ष 2021 के अंत में चर्चा में आने के बाद तीन माह बाद एक बार पुनः चर्चा में आ गया है. स्थानीय लोगों द्वारा ललमटिया से संबोधित किए जाने वाले करमटिया के बड़े भूभाग के नीचे देश का 44 प्रतिशत सोना होने की संभावना जताया गया है.

जमुई के सोनो में देश के सर्वाधिक स्वर्ण भंडार!

जमुई के सोनो में देश के सर्वाधिक स्वर्ण भंडार हो सकने को लेकर बीते शनिवार को राज्य के खनन व भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम ने विधान परिषद में बयान दिया है जिसके बाद सोनो एक बार पुनः चर्चा में आ गया है.खान मंत्री ने वर्ष 2022-23 के बजट पर चर्चा के दौरान उक्त बातों को कहते हुए यह भी कहा की जल्द ही खनन प्रक्रिया को लेकर सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.

2021 में केंद्रीय खनन मंत्री प्रहलाद जोशी ने लोकसभा में कहा…

विधान परिषद में उनके बयान के बाद स्वर्ण भंडार को लेकर पुनः चर्चा में आए सोनो के क्षेत्रवासियों में आशा की किरण दिखाई पड़ने लगी है. विदित हो कि बीते वर्ष 2021 में केंद्रीय खनन मंत्री प्रहलाद जोशी ने लोकसभा में कहा था कि जीएसआई ने यह पुष्टि किया कि देश का लगभग 44 प्रतिशत सोना जमुई के सोनो में हो सकता है.

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बंजर और सुनसान करमटिया जीवंत हो उठा

लोकसभा व राजयसभा में उनके बयान के बाद मीडिया कर्मियों व भू तत्व विभाग के लोगों कि आवाजाही से बंजर और सुनसान करमटिया जीवंत हो उठा था लेकिन उसके बाद फिर वही चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात वाली कहावत यहां चरितार्थ हो गई थी. परंतु शनिवार को प्रदेश के खान मंत्री के बयान से क्षेत्रवासियों में पुनः आस जगी है.

पूरे क्षेत्र को सुरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया

भूगर्भ व खनन विभाग द्वारा कई बार हुई जांच, वर्तमान में भी पत्थरों कि जांच हेतु पहुंच रही है जियोलॉजिकल टीम चार दशक पूर्व सोनो में सोना मिलने की फैली खबर के बाद 19 नवंबर 1982 को करमटिया के पूरे क्षेत्र को सुरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया था.जिसके बाद यहां भू-गर्भ व खनन विभाग द्वारा जांच शुरू किया गया था. यहां से स्वर्णकण युक्त लाल, पीले व सफेद मिट्टी और पत्थर के टुकड़ों की भौतिक व रासायनिक जांच हेतु प्रयोगशाला भेजा गया. प्रायोगिक जांच में स्वर्णकण की पुष्टि होते ही यहां भू छेदन का कार्य प्रारंभ हो गया था.

रिपोर्ट में स्वर्ण के साथ साथ अन्य बहुमूल्य खनिज संपदा और रत्न भंडार के बारे में भी उल्लेख

जगह जगह से भू छेदन कर मिट्टी के नमूने एकत्रित किए गए और जांच के लिए भेजे जाने लगे. अंततः भू-गर्भ वैज्ञानिकों ने अपने सर्वेक्षण में इस बात की पुष्टि कर दिया था कि करमटिया में स्वर्ण है. रिपोर्ट में स्वर्ण के साथ साथ अन्य बहुमूल्य खनिज संपदा और रत्न भंडार के बारे में भी उल्लेख किया गया था. रिपोर्ट के बाद 1982 से 1986 तक यहां खुदाई का कार्य चलता रहा. लेकिन सरकार के उदासीन रवैये के कारण खुदाई रोक दी गई और यहां के स्वर्ण भंडार की प्राप्ति के उम्मीदों पर ग्रहण लग गया.

रांची की एक कंपनी ने सर्वेक्षण हेतु पहल की थी…

स्वर्ण रेखा मिनिरल रिसोर्सेस नामक रांची की एक कंपनी ने 1995 व 1996 में सर्वेक्षण हेतु अनुज्ञप्ति का आवेदन दिया था जिस पर सकारात्मक पहल नहीं किया गया था. जसके बाद रही सही उम्मीद भी धराशाई होने लगा.लेकिन बीते वर्ष देश के खनन मंत्री के द्वारा लोकसभा में दिए बयान के बाद भूतत्व विभाग व अन्य संबंधित विभागीय लोग करमटिया का दौरा करने लगे.

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