अभिनेता सोनू सूद जिन्होंने रुपहले परदे पर खलनायक की भूमिका निभाकर अपनी पहचान बनायी थी. साल 2020 में लाखों लोगों की मदद कर वह रियल हीरो या दूसरे शब्दों में कहें तो मसीहा बन गए हैं. बस एक मैसेज या एक फ़ोन कॉल की ज़रूरत है. सोनू और उनकी टीम मदद के लिए पहुँच जाती है. देशभर के लाखों प्रवासी मजदूरों और लोगों को लॉक डाउन में उनके घर तक पहुँचना हो या फिर हालिया लांच एप सोनूइज्म के ज़रिए बेरोजगार छात्रों की मदद करने की नयी शुरुआत करना.
सोनू सूद पूरे साल लोगों की मदद करने में जुटे नज़र आए और वह आगे भी लोगों की मदद के लिए तत्पर रहेंगे. सोनू सूद की किताब आई एम नो मसीहा में भले ही वह खुद को मसीहा नहीं कहते हैं लेकिन आम भारतीय के लिए वह मसीहा से कम नहीं है. इसमें कोई दो राय नहीं है. 2020 की उनकी खास जर्नी पर एक आलेख…
फर्जीवाड़ा के आरोप पर सबूत के साथ दिया जवाब
सोनू सूद ने लॉकडाउन में लाखों लोगों की मदद की. सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में फंसे भारतीयों को भी उनके घर तक पहुंचाया. खाना मुहैया करवाया. लोगों का इलाज करवाया तो कइयों की पढ़ाई में भी उन्होंने सपोर्ट किया. लाखों लोगों की मदद की इसके लिए हमेशा उन्हें सराहना मिली ऐसा भी नहीं है. महाराष्ट्र की सरकार के साथ साथ कुछ लोगों के निशाने पर भी आए. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने कहा कि ये मदद सोनू का पब्लिसिटी स्टंट है. आरोप में ये भी कहा गया है कि ज़्यादातर सोनू फेक एकाउंट से आए सहायता वाले मैसेज की तुरंत मदद करने का नाटक कर नाम कमा रहे हैं. सोनू सूद ने इस फर्जीवाड़े के आरोप का सोशल मीडिया पर सबूत के साथ सोनू सूद ने जवाब दिया. जिसके बाद सभी आलोचकों की बोलती बंद हो गयी.
लोगों की मदद के लिए लिया 10 करोड़ का कर्ज
लॉकडाउन में लाखों लोगों को घर भेजना हो. उनको भोजन करवाना हो या फिर लॉक डाउन के बाद लोगों का इलाज करवाना हो; रोजी रोजगार का जुगाड़ हो या किसी की पढ़ाई में मदद करनी हो।सोनू सूद हर किसी की मदद को आगे आए और अभी भी वह हर ज़रूरतमंद की मदद में जुटे हैं ।जिसके बाद यह चर्चा भी शुरू हो गयी कि आखिरकार सोनू सूद और उनकी टीम के पास इतना धन कहाँ से आ रहा है. क्या वाकई उन्होंने एक्टिंग में इतने पैसे कमाए कि वो लोगों की मदद कर सकें. क्या सोनू को कोई राजनीति पार्टी सपोर्ट कर रही है या कोई बड़ा बिजनेस मैन इस तरह की कई बातें सामने आयी और आखिरकार साल खत्म होने से पहले जवाब भी आ गया. कुछ हफ्ते पहले ही यह खबर आयी कि सोनू सूद और उनकी पत्नी ने अपनी 8 संपत्तियों को गिरवी रखकर 10 करोड़ का लोन लिया है. जिसमें 2 दुकानें और 6 अपार्टमेंटस शामिल है. गौरतलब है कि सोनू सूद ने एक बार आंकड़े भी शेयर किए थे जिसमें उन्होंने लिखा था कि अलग अलग सोशल मीडिया एकाउंट के ज़रिए उन्हें हर दिन 32 हज़ार लोगों से मदद की अपील आती रहती है.
अवॉर्ड्स ही नहीं मंदिर भी सोनू के नाम
2020 के असली सुपरहीरो के खिताब से नवाजे गए सोनू सूद को सम्मान और अवार्ड्स भी खूब मिले. संयुक्त राष्ट्र ने प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड दिया गया. इसके अलावा भी कई दूसरे पुरस्कार से इस साल सोनू को सम्मानित किया गया लेकिन इस सम्मान की चर्चा किए बिना यह लिस्ट अधूरी रहेगी. आंध्र प्रदेश के तेलंगाना के डुब्बा टांडा गाँव के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर एक्टर के नाम पर मंदिर बनवाया है. जहां सोनू सूद की प्रतिमा भी लगी है और उनकी पूजा वहां होती है.
रियल लाइफ की इमेज सिनेमाई किरदार पर भारी
कुछ दिनों पहले साउथ इंडियन फ़िल्म आचार्य से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सामने आया जिसमें साउथ के सुपरस्टार चिरंजीवी ने ऑन स्क्रीन विलेन सोनू सूद के साथ फाइट सीन करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि अगर लोगों ने देखा कि मैं सोनू सूद को मार रहा हूं तो लोग मुझे गालियां देंगे सिर्फ यही नहीं फ़िल्म में एक दृश्य को फिर से शूट किया गया जिसमें चिरंजीवी ने सोनू सूद के ऊपर पैर रखा था. लॉक डाउन के बाद सोनू सूद की जो इमेज बनी है उसके अनुसार स्क्रिप्ट में बदलाव करना पड़ा. यह दिलचस्प किस्सा अपने आप में इस बात को बयान करता है कि कोरोना लॉक डाउन के दौरान सोनू सूद ने मजदूरों के साथ लाखों लोगों की मदद कर खुद को मसीहा बना दिया है. लोग अब उन्हें असली जीवन का सुपरस्टार मानते हैं. ऐसे में रियल लाइफ की इस इमेज उनकी सिनेमाई किरदारों तक पर भारी पड़ने लगा है. अब तक ज़्यादातर नकारात्मक किरदारों के ऑफर्स सोनू सूद तक आते थे लेकिन अब उन्हें लगातार हीरो भूमिका वाली फिल्म आफर हो रही है. सोनू ने इस बात की पुष्टि हालिया एक इंटरव्यू में भी किया जिसमें उन्होंने कहा कि अब मुझे सारे हीरो के रोल मिल रहे हैं. मुझे चार पांच शानदार स्क्रिप्ट मिली है. ये नयी पिच है और ये और अच्छा और मज़ेदार होगा.
Posted By : Budhmani Minj