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जानें सोनू सूद पर कौन- कौन से गंभीर आरोप लगे हैं, पैसे के लेन देन में किस तरह की हुई धोखाधड़ी

आईटी विभाग ने सोनू के खिालफ कई तरह के सबूत होने का दावा किया है. सोनू सूद पर आरोप है कि उन्होंने कर चोरी के उद्देश्य से कई अहम जानकारियां छिपायी है. आइये जानते हैं सोनू सूद पर पांच गंभीर आरोप कौन- कौन से हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2021 2:00 PM

अभिनेता सोनू सूद पर कर चोरी का बड़ा आरोप लगा है. सीबीआई ने उनके खिलाफ जांच के लिए 28 स्थानों पर छापेमारी की है और एक नहीं छह बड़े शहरों में इसकी जांच हो रही है. कई जगहों पर तलाशी जरूरी कागजात की जब्ती भी की जा रही है.

आईटी विभाग ने सोनू के खिालफ कई तरह के सबूत होने का दावा किया है. सोनू सूद पर आरोप है कि उन्होंने कर चोरी के उद्देश्य से कई अहम जानकारियां छिपायी है. आइये जानते हैं सोनू सूद पर पांच गंभीर आरोप कौन- कौन से हैं.

डोनेशन 18 करोड़ से ज्यादा खर्च दो करोड़ से कम
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सोनू सूद पर आरोप है कि उन्होंने 18.94 करोड़ रुपये का चंदा जमा किया और केवल 1.9 करोड़ रुपये का ही खर्च किया. आईटी विभाग के अनुसार, फर्जी लेनदेन जून 2020 तक का है जब सोनू सूद ने विभिन्न COVID-19 से संबंधित राहत कार्यों के लिए एक धर्मार्थ फाउंडेशन को शामिल किया था. आरोप है कि इस फाउंडेशन ने कई जगहों से चंदा इकट्ठा किया. मार्च 2021 से अब तक 18.94 करोड़ रुपये जमा हुए जबकि विभिन्न राहत कार्यों में 1.9 करोड़ रुपये ही खर्च किये गये बाकि के पैसों को उपयोग नहीं किया गया.

विदेश से आये पैसे

आयकर विभाग ने सोनू सूद पर आरोप लगाया है कि उन्होंने विदेशी संस्थाओं से भी बड़े पैमाने पर दान लिया है. इनमें विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 का उल्लंघन के आरोप लगे हैं. विदेशी दानदाताओं से 2.1 करोड़ रुपये की राशि भी जुटाई गयी है.

जेवी इंफ्रा कंपनी के साथ हुआ फर्जी सौदा

सोनू सूद ने जेवी इंफ्रा कंपनी के साथ हुए सौदे की फरजी रसीद सामने रखी. लखनऊ स्थित बुनियादी ढांचा समूह जेवी इंफ्रा के साथ रियल एस्टेट परियोजना के साथ जुड़े. कंपनी के बही खातों में कर चोरी और अनियमितताएं देखी गयी है. अबतक मिले सबूतों के अनुसार 65 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितता देखी गयी है. हिसाब नकद खर्च, कबाड़ की बेहिसाब बिक्री और डिजिटल डेटा के सबूत भी मिले हैं.

जेवी कंपनी का 175 करोड़ का सर्कुलर संदिग्ध लेनदेन

जेवी इंफ्रा के ही जयपुर की दूसरी कंपनी के साथ भी 175 करोड़ रुपये का लेन देन हुआ है. इसमें ज्यादातर मामलों में बेहिसाब नकद खर्च, कबाड़ की बिक्री और डिजिटल डेटा से बेहिसाब नकद लेनदेन के सबूत मिले हैं.

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20 से अधिक की राशि

फर्जी संस्थाओं से फर्जी असुरक्षित ऋण के रूप में उनके आय को अलग तरफ दिशा दे रही है. अब तक की जांच में ऐसी बीस प्रविष्टियों के उपयोग का पता चला है. आईटी विभाग ने कहा, “उन्होंने नकद के बदले चेक जारी करना स्वीकार किया है. कर की कुल राशि 20 करोड़ रुपये से अधिक बतायी जा रही है.

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