इंग्लैंड रिटर्न रूपाली दीक्षित को सपा ने फतेहाबाद विधानसभा से बनाया प्रत्याशी, तीन मिनट में मिला टिकट
Rupali Dixit Profile: विदेश से पढ़ कर लौटी रूपाली दीक्षित को सपा ने फतेहाबाद विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. रूपाली के चुनावी मैदान में आने से इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
Fatehabad SP Candidate Rupali Dixit Profile: आगरा की फतेहाबाद विधानसभा से सपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद से राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं. सपा ने फतेहाबाद विधानसभा से रूपाली दीक्षित को अपना प्रत्याशी बनाया है. रूपाली दीक्षित आगरा के बाहुबली अशोक दीक्षित की पुत्री हैं. उन्होंने इंग्लैंड से एमबीए किया और कई नामी कंपनी में नौकरी भी की, जिसके बाद 2016 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा. रूपाली के सपा प्रत्याशी बन कर विधानसभा चुनाव में खड़े होने से इस सीट पर मुकाबला कड़ा हो गया है.
तीन मिनट में रूपाली दीक्षित को मिला टिकट
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने फतेहाबाद विधानसभा से पहले राजेश कुमार शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन करीब 36 घंटे बाद ही प्रत्याशी बदल दिया और रूपाली दीक्षित को टिकट दे दिया. रूपाली दीक्षित ने बताया कि मैंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को तीन मिनट में कन्वेंस किया और विधानसभा से टिकट ले ली. फतेहाबाद विधानसभा पर व्याप्त जातिगत आंकड़ों को भी मैं बदल दूंगी और अपनी जीत दर्ज करूंगी.
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बीजेपी विधायक छोटे लाल वर्मा का विवादित वीडियो हुआ था वायरल
तीन महीने पहले पूर्व विधायक और वर्तमान में फतेहाबाद विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी छोटे लाल वर्मा ने ब्राह्मणों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह बाहुबली अशोक दीक्षित की चोटी काट कर गांव के बाहर पेड़ पर लटका देंगे. वहीं, उन्होंने ठाकुरों पर 100 राउंड गोली चलवाने की बात भी कही थी. हालांकि छोटे लाल वर्मा ने इस वीडियो को असत्य बताकर अपने खिलाफ विरोधियों द्वारा साजिश रचने की बात कही थी.
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रुपाली दीक्षित ने वेल्स यूनिवर्सिटी से किया एमबीए
रूपाली दीक्षित के क्वालिफिकेशन की बात की जाए तो उन्होंने जयपुर के भारतीय विद्या भवन आश्रम से स्कूलिंग की है. इसके बाद सिंबोसिस यूनिवर्सिटी पुणे से स्नातक पूरा किया. मार्केटिंग के लिए एमबीए कार्डिफ वेल्स यूनिवर्सिटी से की और लीड यूनिवर्सिटी ऑक्साइड से एमए पूरा किया है.
रूपाली दीक्षित के पिता को तीन चुनाव में मिली हार
मूल रूप से फिरोजाबाद की रहने वाले रूपाली के पिता अशोक दीक्षित तीन बार फतेहाबाद विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन तीनों में ही उन्हें हार मिली. इसके बाद अशोक दीक्षित को बहुचर्चित सुमन यादव हत्याकांड में आरोप सिद्ध होने के बाद आजीवन कारावास की सजा मिली. 2015 से वह जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और इस समय बरेली सेंट्रल जेल में है. वहीं अब उनकी बेटी पिता का सपना पूरा करने चुनावी मैदान में कूद पड़ी है.
फतेहाबाद सीट पर ठाकुर मतदाताओं का है बोलबाला
रूपाली दीक्षित के फतेहाबाद से समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से ही त्रिकोणीय मुकाबला बन गया है. दरअसल, इस विधानसभा पर सबसे अधिक संख्या ठाकुर समाज की है. दूसरे नंबर पर कुशवाहा, तीसरे पर निषाद व चौथे नंबर पर ब्राह्मण वोटर हैं. ऐसे में भाजपा ने पूर्व विधायक छोटेलाल वर्मा को टिकट दी है. बसपा से शैलेंद्र जादौन मैदान में उतरे हैं और अब सपा से रूपाली दीक्षित चुनाव लड़ेंगी. वहीं कांग्रेस से होतम सिंह निषाद को प्रत्याशी बनाया गया है.
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फतेहाबाद विधानसभा पर मुकाबला हो सकता है त्रिकोणीय
जिन तीन जातियों क्षत्रिय, ब्राह्मण और निषाद का फतेहाबाद विधानसभा पर अच्छी संख्या है, उनके अलग-अलग प्रत्याशी यहां से चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि फतेहाबाद विधानसभा पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है.
रिपोर्ट- राघवेंद्र सिंह गहलोत, आगरा