Bareilly News: समाजवादी पार्टी ने रविवार शाम बरेली के जिलाध्यक्ष को बदल दिया है. अगम मौर्या के स्थान पर शिवचरन कश्यप को जिला अध्यक्ष बनाया गया है. यह वही शिवचरन कश्यप हैं, जिनको 21 नवंबर 2020 को रामपुर में एक दिन की थानेदार बिटिया ने अभद्रता करने पर थाने की हवालात में बंद करा दिया था.
शिवचरन कश्यप पर कई और भी मुकदमे दर्ज हैं. उन्होंने अनुसूचित जाति की महिला की जमीन को बिना डीएम की अनुमति के ही अपनी पत्नी के नाम बैनामा करा लिया था, जिसके चलते कुछ समय पहले ही अफसरों ने इस जमीन की रजिस्ट्री को कैंसिल कर दिया है. वह इससे पहले बसपा में थे. उस दौरान चोरी की बोलेरो कार उनके घर से बरामद हुई थीं. इस मामले में भी उन पर मुकदमा दर्ज है.
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शिवचरन कश्यप वर्तमान में सपा में जिला उपाध्यक्ष के पद पर थे. उनके जिलाध्यक्ष बनने से सपा के एक गुट में काफी नाराजगी है, तो वहीं कुछ सपाइयों को विधानसभा चुनाव में कश्यप समाज के वोट मिलने की उम्मीद है.
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दो साल पहले चिल्ड्रन-डे के मौके पर रामपुर के सिविल लाइंस थाने की कमान एक दिन के लिए वहां की छात्रा इकरा बी को सौंपी गई थी. पूरे प्रदेश में अलग-अलग बेटियों को इस तरह से थानों में पुलिसिंग की जिम्मेदारी दी गई. थानेदार इकरा बी पुलिस टीम के साथ वाहन चेकिंग कर रही थीं. इसी दौरान पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम भी फोर्स के साथ वहां मौजूद थे.
थाना प्रभारी और दारोगा बनी बेटियां यातायात नियमों के उल्लंघन में वाहन चालकों के चालान काट रही थीं. तभी बरेली की ओर से आ रही कार को पुलिस ने रोका. गाड़ी पर सपा का झंडा लगा था. ड्राइवर के साथ उसमें बैठे शख्स ने मास्क नहीं लगा रखा था. एक दिन की थानेदार बिटिया ने मास्क न लगाने को लेकर टोका, तो कार में बैठे शख्स ने खुद को बरेली का सपा नेता शिवचरन कश्यप बताते हुए चेकिंग का विरोध करते हुए हंगामा खड़ा कर दिया.
इस मौके पर मौजूद सीओ सिटी विद्या किशोर ने समझाया, मगर सपा नेता विवाद करने से पीछे नहीं हटे. एसपी शगुन गौतम ने हस्तक्षेप किया, तो शिवचरन उनसे भी उलझने लगे. इतना सब होने के बाद पुलिस ने भी अपने तेवर दिखा दिए. एक दिन की थानेदार बिटिया के कहने पर पुलिस अधीक्षक ने सिविल लाइंस कोतवाली प्रभारी दुर्गा सिंह को कार सवार सपा नेता बरेली के थाना कैंट क्षेत्र के गांव कांधरपुर निवासी शिवचरन कश्यप और उनके ड्राइवर थाना भमोरा के ग्राम राजूपुरा निवासी अमित कुमार के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने, महामारी अधिनियम आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर थाने ले गई थी.
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शिवचरन कश्यप के घर से चोरी की बोलेरो कार भी बरामद हुई थीं. उस वक्त वह बसपा में थे. शिवचरन कश्यप के घर पुलिस ने दबिश दी थी. इसके बाद पिता और रिश्तेदारों को जेल भेजा था. उसका भी मुकदमा दर्ज है.
पंंचायत चुनाव में सपा नेता शिवचरन कश्यप ने कुछ लोगों के साथ पोलिंग पार्टी पर हमला किया था. इस मामले में पीठासीन अधिकारी आशीष वर्मा ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं मौजूदा प्रत्याशी शिवचरन कश्यप, प्रधान पद के प्रत्याशी विशाल, उसके भाई दीपक, पिता श्याम सुंदर, अतुल, अनुराग और बालकराम को नामजद करते हुए 70 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिवचरन कश्यप को छोड़ बाकी नामजद आरोपियों को पुलिस ने घटना के बाद ही गिरफ्तार कर लिया था. बाकी आरोपियों को भी जेल भेजा गया था.
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सपा नेता शिवचरन कश्यप ने 17 सितंबर 2017 को कांधरपुर के अनुसूचित जाति के व्यक्ति सूरजपाल से पत्नी भारती के नाम 172.80 वर्ग मीटर का बैनामा कराया था. अनुसूचित जाति के व्यक्ति से जमीन खरीदने के लिए डीएम से अनुमति नहीं ली गई थी. इस मामले में एसडीएम कोर्ट ने शिवचरन को झटका दिया था. एसडीएम ने कांधरपुर में गाटा संख्या 428 की करीब 173 वर्ग मीटर जमीन का बैनामा कैंसिल कर एससी के व्यक्ति से ली जमीन को सरकारी घोषित कर राज्य सरकार में निहित करने के आदेश दे दिए थे.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद, बरेली