पश्चिम बंगाल के विधानसभा अध्यक्ष ने न्यायपालिका की अति सक्रियता पर उठाये सवाल
शुक्रवार को राज्य विधानसभा के आंबेडकर जयंती कार्यक्रम में शामिल होने आये अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा कि जो जिसका काम है, वह काम वही करे, तो बेहतर है. शासन का काम प्रशासन को करना चाहिए. न्यायपालिका का काम न्यायपालिका को करना चाहिए.
पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने न्यायपालिका की अति सक्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि न्यायपालिका को राज्य सरकार को स्वतंत्र रूप से प्रशासनिक कार्य करने की अनुमति देनी चाहिए, नाकि बार-बार प्रशासनिक कार्य में दखलअंदाजी कर काम में बाधा पहुंचानी चाहिए. शुक्रवार को विधानसभा में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण के पश्चात संवाददाताओं से बातचीत में श्री बनर्जी ने कहा कि आजकल जब वह अखबार खोलते हैं, तो हर मामले में कोर्ट की दखल देखता हूं.
किसी भी अखबार के पहले पन्ने पर ऐसी कोई खबर नहीं है, जिसमें आपको अदालत का हस्तक्षेप न मिले. उन्होंने किसी भी न्यायाधीश का सीधे तौर पर नाम लिए बिना अभिषेक के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि क्या उनका यह कहना उचित है. कल आप कह सकते हैं कि विधानसभा के अध्यक्ष को बुलाया जाना चाहिए, इस प्रकार की टिप्पणियां उचित नहीं है. न्यायपालिका को कोई भी टिप्पणी करने से पहले यह महसूस करना होगा कि उनकी टिप्पणी से अदालत के पक्षपात करने का संदेश नहीं जाना चाहिए.
शुक्रवार को राज्य विधानसभा के आंबेडकर जयंती कार्यक्रम में शामिल होने आये अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा कि जो जिसका काम है, वह काम वही करे, तो बेहतर है. शासन का काम प्रशासन को करना चाहिए. न्यायपालिका का काम न्यायपालिका को करना चाहिए. यदि कोई सोचता है कि वही सबसे श्रेष्ठ है, तो इससे समस्या पैदा हो सकती है. विधानसभा अध्यक्ष ने आम जनता को न्याय दिलाने के संदर्भ में न्यायालय के ‘महत्व’ को स्वीकार करते हुए कहा कि न्यायालय को राज्य सरकार को स्वतंत्र रूप से प्रशासनिक कार्य करने की अनुमति देनी चाहिए.
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