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मात्र 15 मिनट तक चला विधानसभा का विशेष सत्र, मंत्रियों व विधायकों के वेतन वृद्धि पर नहीं हुई चर्चा

मुख्यमंत्री ने इस साल सात सितंबर को कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बड़ी बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिसमें इन तीन श्रेणियों में से प्रत्येक का मासिक वेतन 40 हजार रुपये प्रति माह बढ़ाया गया था.

पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष एक दिवसीय सत्र राज्य के मंत्रियों और विधायकों के वेतन वृद्धि से संबंधित दो विधेयकों पर बिना किसी चर्चा के शुरू होने के 15 मिनट के भीतर ही स्थगित कर दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने दावा किया कि एक पूर्व विधायक के निधन के कारण सत्र स्थगित किया गया है. हालांकि, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पूर्व विधायक की मौत तो महज एक बहाना है. स्थगन के पीछे असली वजह विशेष सत्र के लिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस की सहमति न मिलना है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने मंत्रियों का वेतन बढ़ाने पर विधेयक पेश किया और राज्य के वित्त प्रभारी मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विधायकों के लिए बढ़े हुए वेतन पर विधेयक रखा. हालांकि, विधेयक रखे जाने के बाद विस अध्यक्ष ने कहा कि दोनों विधेयकों पर कोई चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि श्रद्धांजलि सभा के बाद सत्र स्थगित कर दिया जायेगा.

ममता बनर्जी ने की थी मंत्रियों के वेतन में वृद्धि की घोषणा

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने इस साल सात सितंबर को कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बड़ी बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिसमें इन तीन श्रेणियों में से प्रत्येक का मासिक वेतन 40 हजार रुपये प्रति माह बढ़ाया गया था.

  • संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने मंत्रियों व वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विधायकों के वेतन वृद्धि से संबंधी विधेयक किया पेश

  • चार दिसंबर को विधेयक पर हो सकती है चर्चा, राज्यपाल ने अब तक विधेयक पर नहीं किया है हस्ताक्षर

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कितना बढ़ेगा मंत्रियों व विधायकों का वेतन

गौरतलब है कि वेतन में बढ़ोतरी तीन स्तरों पर प्रस्तावित है, मुख्य रूप से कैबिनेट स्तर के मंत्री, राज्य मंत्री और विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. विधायकों का वेतन पहले 10,000 रुपये प्रति माह था. यह बढ़कर 50 हजार रुपये हो जायेगा. राज्य मंत्रियों को 10 हजार 900 रुपये महीना मिलता था. अब से उन्हें 50 हजार 900 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा राज्य में पूर्ण मंत्रियों का वेतन 11 हजार रुपये था. उन्हें इस बार से 51 हजार रुपये वेतन के तौर पर मिलेंगे. सरकार की वेतन संरचना के अनुसार, राज्य के विधायकों को भत्ते और समिति की बैठकों में भाग लेने के लिए अब तक कुल 81,000 रुपये मिलते थे. अब उन्हें कुल 1 लाख 21 हजार रुपये मिलेंगे. विपक्षी दलों के नेताओं और राज्य के मंत्रियों, पूर्ण मंत्रियों को इतने दिनों के लिए कुल मिलाकर 1 लाख 10 हजार रुपये मिलते थे. इस बार से उन्हें करीब डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे.

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