कोटा से 1129 छात्रों को लेकर बिहार पहुंची स्पेशल ट्रेन, 8 हजार से ज्यादा लोगों को किया गया क्वारेंटिन
मंगलवार को राजस्थान के कोटा से स्पेशल ट्रेन छात्र-छात्राओं को लेकर दरभंगा जंक्शन पहुंची. ट्रेन में 1129 बच्चों के सवार होने की बात कही गई है
दरभंगा : केन्द्र से हरी झंडी मिलने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों के बिहार वापस लौटने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में मंगलवार को राजस्थान के कोटा से स्पेशल ट्रेन छात्र-छात्राओं को लेकर दरभंगा जंक्शन पहुंची. ट्रेन में 1129 बच्चों के सवार होने की बात कही गई है. ट्रेन से सभी को बारी-बारी से उतारा गया. बसों से बगल के एमएलएसएम कॉलेज सेंटर पर ले जाया गया. वहां जरुरी प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात सभी को होम क्वारेंटिन के लिए अपने-अपने घर भेज दिया गया.
Darbhanga: Students welcomed at Darbhanga station with medical screening, food packets, water bottle, stamping for home quarantine, masks with mithila painting. Dispatch delayed due to heavy rain.@darbhanga_dm #BiharFightsCorona #COVIDー19 pic.twitter.com/pA0un3tSRX
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) May 5, 2020
इससे पहले गुजरात के अहमदाबाद से 1208 प्रवासियों को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची. इन यात्रियों का यहां पर मेडिकल परीक्षण किया गया और इसके बाद प्रशासन इनके घर के पास बने क्वारंटिन सेंटर में रखेगा. इन सभी प्रवासियों को 21 दिन क्वरंटाइन सेंटर में रहना होगा. वहीं कोटा से छात्रों को लेकर तीन ट्रेनें सोमवार को बिहार पहुंचीं. कोटा से दो ट्रेनें बरौनी जंक्शन पहुंचीं, जिनसे 2280 छात्र आये. वहीं, कोटा से गया जंक्शन पहुंची एक ट्रेन से 994 छात्र आये. दो ट्रेनें केरल से दानापुर पहुंचीं, जिनमें एक तिरुर और दूसरी एर्नाकुलम से खुली थी. इन दोनों ट्रेनों से 2310 प्रवासी मजदूर पहुंचे. इसके बाद सभी बसों से गृह जिला भेज दिया गया.
आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों को 21 दिनों तक क्वारेंटिन सेंटरों पर रखा जायेगा. उन्होंने बताया कि प्रखंड स्तर पर बने 2450 क्वारेंटिन केंद्रों पर सोमवार की शाम तक 8,968 लोग रह रहे हैं. इन्हें थाली, बाल्टी, ग्लास, तीन टाइम का भोजन, कपड़ा और दो टाइम दूध पैकेट दिये जा रहे हैं. जो लोग भोजन बनाने में सरकार को सहयोग करेंगे, उन्हें श्रम विभाग की ओर से निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी दी जायेगी. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि जो लोग भी यहां पहुंच रहे हैं, उन सबकी जांच की जायेगी और होम क्वारेंटिन में भी रखा जा सकेगा. लेकिन, इसके लिए उन्हें स्वयं एक शपथपत्र देना होगा. केंद्र द्वारा जारी प्रावधानों का उल्लंघन किया गया तो वे दंड के भी भागी होंगे.