हजारीबाग के चौपारण में बहेगी ज्ञान एवं अध्यात्म की गंगा, इस्कॉन को दान में मिले 2 एकड़ जमीन

हजारीबाग के चौपारण स्थित सियरकोनी घाटी की पहचान बदलने वाली है. यहां इस्कॉन को दो एकड़ जमीन दान में मिली है. सियरकोनी में गुरुकुल, मंदिर, गौशाला एवं कृषि कार्य होंगे. गुरुकुल में वैदिक रीति-रिवाज से प्राचीन परंपरा के आधार पर बच्चों को शिक्षा मिलेगी.

By Samir Ranjan | October 11, 2022 5:30 PM
an image

Jharkhand News: हजारीबाग जिला अंतर्गत चौपारण के नेशनल हाइवे-टू स्थित सियरकोनी घाटी (Siarconi Valley) में अब ज्ञान-विज्ञान एवं अध्यात्म की गंगा बहेगी. इसके लिए समाजसेवी संजय सिंह के परिजनों ने अनूठा दान दिया है. क्षेत्र में संस्कार, आत्मनिर्भर एवं धर्म के साथ ज्ञान-विज्ञान का विस्तार करने के लिए इस्कॉन की टीम को अभी दो एकड़ जमीन दान में दिया गया है.

सियरकोनी घाटी की बदलेगी पहचान

इस भूमि दान के बाद सियरकोनी घाटी की पहचान अब बदलेगी. अब यहां श्रीकृष्ण की आराधना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का काम इस्कॉन की टीम काम करेगी. फिलहाल सियरकोनी में गुरुकुल, मंदिर, गौशाला एवं कृषि कार्य होंगे. गुरुकुल में वैदिक रीति-रिवाज से प्राचीन परंपरा के आधार पर बच्चों को शिक्षा दी जायेगी. सियरकोनी में मंदिर बनेगा एवं खेती के परंपरागत तरीके को किसानों को सीखाया जायेगा. नेचरोपैथी विधि से इलाज की जायेगी. सियरकोनी खुटाम, सिल्ली इस्कॉन से डॉ केश्वानंद, डॉ सरिता यादव, डॉ राजेश सिंह, डॉ प्रभाकर, अभयानंद प्रभु, विश्वनाथ प्रभु, जगेश्वर प्रभु, परमेश्वर प्रभु, अलंकृत त्रिपाठी, सभी ब्रह्मचारी,आईआईटीएन एवं आध्यात्मिक गुरु जनों ने स्थानीय प्रबुद्ध जन संजय सिंह के परिजनों के साथ तिरुपति के आचार्य श्रीनिवासन, समाजसेवी हरिश्चंद्र सिंह, मुखिया बिनोद सिंह, रामचंद्र सिंह, आशीष सिंह, आनंद चंद्रवंशी, दिलीप राणा, प्रभात सिंह के साथ मिलकर सबसे मुख्य योगदान दे रहे अभिषेक सिंह के साथ संकीर्तण से इसकी शुरुआत किया.

Also Read: Diwali 2022: इस दीपावली मिट्टी के दीये से करें अपने घरों को रोशन, कोलकाता से मंगवायी जाती है मिट्टी

गुरुकुल पद्धति पर बहेगी ज्ञान की गंगा

इस बात की जानकारी देते हुए भुदाता परिवार के संजय एवं अभिषेक सिंह ने बताया कि जल्द ही साफ-सफाई के साथ सियरकोनी की पहचान बदलने वाली है. ज्ञान की गंगा, विज्ञान के साथ, अध्यात्म की शरण में, योग्य गुरु जनों की संगति में प्राचीन परंपरा गुरुकुल पद्धति पर बहेगी. यहां सब कुछ निःशुल्क होगा.

रिपोर्ट : अजय ठाकुर, चौपारण, हजारीबाग.

Exit mobile version