कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में आज सुनवाई, 55 साल पहले हुए समझौते को लेकर है विवाद, जानें क्या है मामला…
श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह विवाद मामले में न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह के दाखिल रिवीजन वाद पर पिछली सुनवाई के दौरान बहस पूरी हो चुकी थी और कोर्ट को अपना निर्णय सुनाना था. लेकिन, मामला टलने की वजह से मंगलवार को फैसला सुनाया जाएगा. इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.
Mathura: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह विवाद मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी. इस मामले में पिछले हफ्ते सुनवाई होनी थी. लेकिन, न्यायालय में व्यस्तता के चलते सुनवाई नहीं हो सकी. अब कोर्ट आज मामले में सुनवाई करेगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. अब तक जिला न्यायालय में करीब कई याचियाएं दाखिल की जा चुकी हैं.
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा दाखिल रिवीजन वाद पर पिछली सुनवाई के दौरान बहस पूरी हो चुकी थी और कोर्ट को अपना निर्णय सुनाना था. लेकिन, मामला टलने की वजह से मंगलवार को फैसला सुनाया जाएगा.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट देता है ईदगाह वाली जगह का टैक्स
महेंद्र प्रताप सिंह के एडवोकेट के मुताबिक नगर निगम में भी मुस्लिम पक्ष का नाम दर्ज नहीं है. राजस्व अभिलेख खसरा खतौनी में भी जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर यहां 13.37 एकड़ भूमि है. आज भी ईदगाह वाली जगह का श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट टैक्स देता है.ऐसे में मुस्लिम पक्ष तरह-तरह के बहाने बनाकर कोर्ट में केस को बार-बार भटका रहे है. अब हिंदुओं सनातनियों को एक साथ होकर अपने आराध्य भगवान श्री कृष्ण के जन्म स्थान को मुक्त कराने की लड़ाई लड़नी है. महेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक कोर्ट में हमारी जीत तय है. मुस्लिम पक्ष की 7 रूल 11 पर भी ये लोग टिकने को तैयार नहीं हैं.
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13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है विवाद
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने 12 अक्टूबर 1968 को शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ समझौता किया था. इस समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है, जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा बताता है और इस जमीन पर भी दावा किया गया है. हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये जमीन भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद हाईकोर्ट भी पहुंच गया था.