पश्चिम बंगाल के एसएसकेएम अस्पताल के लिटन हॉस्टल से एक युवा नर्सिंग छात्रा का शव बरामद किया गया. गुरुवार की सुबह अन्य छात्रों ने हॉस्टल अधिकारियों को मामले की सूचना दी क्योंकि महिला छात्रावास के शौचालय का दरवाजा काफी समय से अंदर से बंद था. खबर पुलिस तक जाती है. पुलिस ने आकर दरवाजा तोड़ा तो छात्र फंदे से लटका हुआ मिला. उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
एसएसकेएम सूत्रों के मुताबिक लड़की का नाम सुतपा कर्माकर है, जो उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज की रहने वाली है. वह नर्सिंग द्वितीय वर्ष के दूसरे सेमेस्टर का छात्रा थी. पुलिस प्रारंभिक तौर पर इसे आत्महत्या मान रही है. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि छात्र ने आत्महत्या क्यों की. सूचना मिलते ही कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (दक्षिण) के नेतृत्व में एक टीम मौके पर गयी. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
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जादवपुर विश्वविद्यालय के बांग्ला विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र की हॉस्टल में मौत का मामला पिछले कुछ दिनों से राज्य की राजनीति में गरमाया हुआ है. ऐसे में राज्य के अग्रणी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के हॉस्टल से छात्र का लटका हुआ शव बरामद होने से कई नये पहलूओं के सामने आने का आसार नजर आ रहे हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक छात्रा के सहपाठियों से पूछताछ कर मौत के संभावित कारण का पता लगाने की कोशिश की जा सकती है. जांचकर्ता अस्पताल अधिकारियों से भी बात कर सकते हैं.
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स्वप्रदीप जादवपुर विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने आया था. बुधवार की देर रात करीब 11.45 बजे हॉस्टल की बालकनी से गिर गया. उन्हें तुरंत एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. सुबह करीब 4:30 बजे उनकी मौत हो गई, परिवार का दावा है कि अस्पताल से जिस कागज पर उनसे हस्ताक्षर कराए गए, उसमें छात्र के शरीर पर चोटों का जिक्र है. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने जादवपुर विश्वविद्यालय का दौरा किया था. वह उस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं, उन्होंने कहा, “मैंने हॉस्टल अधिकारियों और विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों से बात की है. मामला बेहद संवेदनशील है. मैं इसे सबके सामने जाहिर नहीं करना चाहता, लेकिन यह साफ है कि धमकी जैसी कोई बात हुई, जिससे छात्र के दिमाग पर तनाव पैदा हो गया. जांच से ही सच्चाई सामने आएगी.
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नदिया के हंसखाली के बोगुला इलाके के रहने वाले वादीप ने रविवार से हॉस्टल में रहना शुरू कर दिया, लेकिन उनके नाम पर कोई मकान अंकित नहीं था. वह कमरा नंबर 68 में अर्थशास्त्र विभाग के दूसरे वर्ष के छात्र के यहां मेहमान बनकर रह रहा था. उस कमरे में चार छात्र थे. स्वप्रदीप पिछले तीन दिनों से विश्वविद्यालय की कक्षाओं में भी मौजूद था. हायर सेकेंडरी में उनके पास विज्ञान था, हालांकि, उन्हें जादवपुर विश्वविद्यालय के बंगाली विभाग में भर्ती कराया गया क्योंकि उन्हें बंगाली पढ़ना पसंद था.