स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की सूची में IIT कानपुर का दबदबा, 58 वैज्ञानिकों ने बनाई जगह, जानें क्यों खास है उपलब्धि

आईआईटी कानपुर में विकसित हो रहे स्टार्टअप और वैज्ञानिकों की शोध व तकनीक अब पूरी दुनिया में पहचान बनाने लगी है. टॉप वैज्ञानिकों में आईआईटी कानपुर का दबदबा बढ़ रहा है. टॉप दो फीसदी प्रभावशाली वैज्ञानिकों की सूची में देश के 3796 वैज्ञानिकों को स्थान मिला है

By Sanjay Singh | September 14, 2023 1:46 PM

Kanpur News: दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों के बीच एक बार फिर भारत के आईआईटी कानपुर के नाम का डंका बजा है. इन वैज्ञानिकों ने दुनिया के टॉप दो फीसदी प्रभावशाली वैज्ञानिकों में अपनी जगह बनाई है.

अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी की गई दुनिया के टॉप दो फीसदी प्रभावशाली (एकल वर्ष) वैज्ञानिकों में कानपुर का दबदबा देखने को मिला है. कानपुर के 61 वैज्ञानिकों को इस सूची में शामिल किया गया है, जिसमें से 58 वैज्ञानिक सिर्फ आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर हैं.

इसके साथ ही दो वैज्ञानिक भारतीय दलहन अनुसंधान परिषद (आईआईपीआर) के हैं और एक वैज्ञानिक चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से हैं. दरअसल कैलिफोर्निया स्थित स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी रिसर्च और इनोवेशन के आधार पर हर साल दुनिया के टॉप दो फीसदी वैज्ञानिकों की सूची जारी करती है. इसमें लाखों वैज्ञानिक शामिल होते हैं. हर साल की तरह यूनिवर्सिटी ने रिसर्च और उत्कृष्ट अध्ययन के आधार पर दुनिया के टॉप दो फीसदी वैज्ञानिकों की सूची तैयार की है.

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3796 वैज्ञानिकों को मिला स्थान

आईआईटी कानपुर में विकसित हो रहे स्टार्टअप और वैज्ञानिकों की शोध व तकनीक अब पूरी दुनिया में पहचान बनाने लगी है. टॉप वैज्ञानिकों में आईआईटी कानपुर का दबदबा बढ़ रहा है. टॉप दो फीसदी प्रभावशाली वैज्ञानिकों की सूची में देश के 3796 वैज्ञानिकों को स्थान मिला है.वहीं, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की जारी सूची के अनुसार रिसर्च के क्षेत्र में आईआईटी कानपुर देश में छठवें स्थान पर है.

IIPR व CSA भी लिस्ट में शामिल

दो फीसदी प्रभावशाली वैज्ञानिकों की सूची में आईआईपीआर और सीएसए को भी शामिल किया गया है. आईआईपीआर से वैज्ञानिक प्रो. नरेंद्र प्रताप सिंह और प्रो. अभिषेक बोहरा का नाम है.तो वहीं,प्रो. नरेंद्र प्रताप सिंह वर्तमान में बांदा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति हैं. वहीं, सीएसए विवि से प्रो. सुशील सोलोमन का नाम है. जो पूर्व में विवि के कुलपति रहे हैं.

इन वैज्ञानिकों ने बढ़ाया दुनिया में कानपुर का मान

अविनाश अग्रवाल, देवाशीष कुंडु, वीके जैन, आशुतोष शर्मा, आरपी छाबड़ा, संजय मित्तल, राजेश कुमार, कमल कर, राजीव सिन्हा, राजू कुमार गुप्ता, अशोक कुमार, डीके दास, समीर खांडेकर, राजिबुल शेख, अनिंदय चटर्जी, अभिषेक चौधरी, एम बनर्जी, प्रियंका घोष, दुर्गेश राय, प्रो. एस चक्रबर्ती, अमलेंदु चंद्रा, अरुण कुमार शुक्ला, एसएन सिंह, कांतेश बलानी, रश्मि संघी, टी मुकोपाध्याय, सच्चिदानंद त्रिपाठी, आर बालासुब्रमण्यम, भास्कर सुंदरराजू, गौतम विश्वास, पदमश्री वंकर, महेंद्र वर्मा, दीपक मजूमदार, जेएन मूर्ति, परिमल भारद्वाज, शांतनु भट्टाचार्य, जलील अख्तर, अरुण साहा, सौनक चौधरी, अर्जुन बाक्ची, कृष्णु विश्वास, राकेश कुमार, योगेश सिंह और अनिश उपाध्याय.

2022 में भी आईआईटी कानपुर के 58 वैज्ञानिक सूची में थे शामिल

इससे पहले वर्ष 2022 में भी रिसर्च, इनोवेटिव आइडिया के बल पर आईआईटी कानपुर के 58 वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में अपना परचम लहराया था. तब स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से जारी की गई दुनिया के टॉप दो फीसदी वैज्ञानिकों की सूची में आईआईटी कानपुर के 58 वैज्ञानिकों की उपलब्धि की काफी चर्चा हुई थी. इस बार भी आईआईटी के वैज्ञानिकों ने अपना दबदबा कायम किया है.

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