कोलकाता : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में 14 अप्रैल, 2020 तक लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है. केरल के तिरुवनंतपुरम में पश्चिम बंगाल के हजारों लोग फंसे हुए हैं. इन्हें भोजन नहीं मिल रहा. इन्हें लगता है कि जानलेवा कोरोना वायरस से नहीं, ये लोग भूख से ही मर जायेंगे.
कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से घोषित लॉकडाउन के बाद विभिन्न राज्यों के लोग अलग-अलग क्षेत्रों में फंसे गये हैं. केरल से एक वीडियो सामने आया है. यहां के तिरुवनंतपुरम से बंगाली समुदाय के सैकड़ों लोगों ने वीडियो बनाया है, जिसमें वे दावा कर रहे हैं कि उनके पास रहने और खाने की व्यवस्था नहीं है. भूखे रह रहे हैं.
लोगों ने देश और राज्य की सरकारों से अपील की है कि इनके घर लौटने की व्यवस्था करायी जाये. बताया गया है कि ये सारे लोग तिरुवनंतपुरम के एक मंदिर में रुके हुए हैं. घर लौटने की व्यवस्था करने अथवा रहने-खाने की व्यवस्था करने की मांग पर इन लोगों ने रैली निकालने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर मारपीट कर उन्हें वापस मंदिर में खदेड़ दिया.
वीडियो जारी करने वाला शख्स यह कहते हुए सुना जा रहा है कि इनके पास रहने के लिए जगह नहीं है, खाने के लिए भोजन नहीं है. यहां तक कि पीने के लिए पानी भी नहीं है. लोगों के पास रुपये खत्म हो गये हैं. अब ये सभी लोग अपने-अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं है. बाहर निकलने पर पुलिस इनके साथ मारपीट कर रही है.
वीडियो में एक-दूसरे का परिचय करा रहे लोग अपने आपको मालदा, मुर्शिदाबाद जिलों के निवासी बता रहे हैं. मुर्शिदाबाद के सांसद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसका संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा है कि वह स्थानीय सांसद से बातचीत करके हालात को संभालने की कोशिश कर रहे हैं.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इसके साथ ही कहा है कि राज्य और केंद्र की सरकारों को इन लोगों के लिए पुख्ता व्यवस्था करना चाहिए. श्री चौधरी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में पूरे देश को एक परिवार की तरह व्यवहार करना होगा. कोरोना को हराने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है, लेकिन सरकारों को व्यवस्था करनी चाहिए कि कोई भूख से न मरे.