देश की सबसे बड़ी बैंकिंग कंपनी भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) को दिसंबर तिमाही में बड़ा घाटा लगा है. बैंक का मुनाफा वेतन और पेंशन के लिए 7,100 करोड़ रुपये के भारी-भरकम एकमुश्त प्रावधान के कारण सालाना आधार पर 35 प्रतिशत घटकर 9,164 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया. एसबीआई ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि दिसंबर 2023 को समाप्त तिमाही में उसकी कुल आमदनी बढ़कर 1,18,193 करोड़ रुपये रही, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 98,084 करोड़ थी. बैंक की ब्याज आय समीक्षाधीन तिमाही में बढ़कर 1,06,734 करोड़ रुपये हो गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 86,616 करोड़ रुपये थी. दिसंबर, 2023 के अंत तक बैंक की सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) घटकर सकल ऋण का 2.42 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 3.14 प्रतिशत थी. इसी तरह, तीसरी तिमाही के अंत में शुद्ध एनपीए भी घटकर 0.64 प्रतिशत हो गया जो पिछले साल 0.77 प्रतिशत था. एकीकृत आधार पर एसबीआई समूह का शुद्ध लाभ दिसंबर, 2023 तिमाही में 29 प्रतिशत गिरकर 11,064 करोड़ रुपये रह गया, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 15,477 करोड़ रुपये था.
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एचडीएफसी के नतीजों से टूटा था बाजार
एचडीएफसी के नतीजों के बाजार में बड़ी गिरावट आयी थी. 17 जनवरी को एचडीएफसी के शेयर करीब आठ प्रतिशत तक टूट गए थे. एक्सिस सिक्योरिटीज पीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी नवीन कुलकर्णी ने बताया कि एचडीएफसी बैंक के परिणाम के बाद बैंकों के शेयरों में जो गिरावट आई थी. एचडीएफसी बैंक का परिणाम बताता है कि कर्ज/जमा अनुपात आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर है. यह मामला अन्य बैंकों के साथ भी है. इससे बाजार को लगता है कि अगर बैंक आक्रामक रूप से जमा जुटाने को जाते हैं तो इससे कर्ज वृद्धि पर असर पड़ेगा. समझा जा रहा है कि बाजार आगे स्टेट बैंक के परिणाम से सीधे प्रभावित हो सकता है.
कितनी हुई एसबीआई की आमदनी
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की आमदनी समीक्षाधीन तिमाही में बढ़कर 1,53,072 करोड़ रुपये हो गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,27,219 करोड़ रुपये थी. दिसंबर, 2023 तिमाही में बैंक ने एसबीआई पेंशन फंड्स प्राइवेट लिमिटेड में एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड (एसबीआईसीएपीएस) की पूरी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया. इसके साथ ही एसबीआई पेंशन फंड्स प्राइवेट लिमिटेड में बैंक की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत हो गई. यह सौदा 229.52 करोड़ रुपये में हुआ.
क्या कहते हैं बैंक के चेयरमैन
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि वेतन और पेंशन के लिए एकमुश्त प्रावधान नहीं होता तो शुद्ध लाभ 16,264 करोड़ रुपये होता. एकमुश्त प्रावधान कर्मचारी संघों के साथ हुए 17 प्रतिशत ऊंचे वेतन समझौते के चलते वेतन और पेंशन के लिए जरूरी सभी अतिरिक्त प्रावधानों का ध्यान रखता है. अग्रिमों में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि के आधार पर चेयरमैन ने आने वाले समय में कारोबार बेहतर रहने का संकेत दिया. उन्होंने कहा कि मैं इस स्तर पर कर्ज वृद्धि को बनाए रखने या इसे बेहतर बनाने के लिए बहुत आश्वस्त हूं. बैंक 4.5 लाख करोड़ रुपए के कर्ज जारी करने की प्रक्रिया में है. चेयरमैन ने कहा कि बैंक के पास फिलहाल अर्थव्यवस्था को वित्त पोषित करने की पर्याप्त क्षमता है और यदि मांग बढ़ती है तो वित्त पोषण के विकल्पों पर विचार किया जाएगा.
(भाषा इनपुट के साथ)
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