पश्चिम बंगाल के कल्याणी में प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने जिले में रास उत्सव के आसपास पर्यटन केंद्र बनाने की बात कही. उसके बाद उन्होंने ‘बांग्ला साड़ी’ को विश्व बाजार में लाने की बात कही. उन्होंने राज्य के बुनकरों की मदद के लिए हर जिले में ‘बांग्ला साड़ी’ के नाम से दुकानें खोलने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने एमएसएमई विभाग के अधिकारियों से पश्चिम बंगाल में बनीं साड़ियों को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में बंगाली साड़ी आउटलेट खोलने को कहा. उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से राज्य में बुनकरों द्वारा बनायी गयीं साड़ियों को बेचने में मदद मिलेगी.
Also Read: मोबाइल गेमिंग ऐप मामले में बड़ी कार्रवाई, 23 करोड़ का क्रिप्टो जब्त, आमिर खान का चीन कनेक्शन खंगाल रही ED
ममता बनर्जी ने कहा मलमल, तन, बलूचरी, जामदानी, धनिया, रेशम जैसी पश्चिम बंगाल की साड़ियों को बेचने के लिए बंगाल साड़ी की दुकानें खोलें. बुनकरों को अपने उत्पाद बेचने में मदद करने के लिए हर जिले में ऐसी दुकान होनी चाहिए. ममता बनर्जी ने यह सुझाव नदिया जिला की प्रशासनिक बैठक में दिया. उन्होंने प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राजीव पांडे को मामले को देखने का निर्देश दिया. उन्होंने ‘बांग्ला साड़ी’ आउटलेट खोलने पर सलाह देने के लिए एक समिति के गठन का भी आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगले साल से हर मेले में ऐसे स्टॉल लगाने की व्यवस्था की जाये. उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखना बेहद जरूरी है.
राज्य का एमएसएमई विभाग अपने उत्पादों के रणनीतिक विपणन के माध्यम से राज्य के हथकरघा, कारीगरों और पारंपरिक कारीगरों का समर्थन करने के लिए विश्व बांग्ला विपणन निगम (बीबीएमसी) को बढ़ावा देता है. राज्य सरकार की यह पहली पहल नहीं है. इससे पहले, विश्व बांग्ला ने स्टाॅलों के माध्यम से बंगाल के उत्पादों को विश्व बाजार में पेश करने का प्रयास किया था. बंगाल की डोकरा, टेराकोटा कला के साथ-साथ साड़ी, धोती, चादर भी हैं. लेकिन इस बार ममता बनर्जी ने सिर्फ साड़ियों के लिए पूरी तरह से अलग दुकान खोलने का आदेश दिया है.
Also Read: मरम्मत कार्य के कारण डेढ़ महीने के लिए बंद रहेगा सांतरागाछी ब्रिज, चलेंगे छोटे वाहन